2003 में सालभर के लिए केंद्रीय मंत्री रहे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लखनऊ से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार राजनाथ ने कहा है कि सत्ता में आने पर भी वो सरकार में शामिल नहीं होना चाहते हैं. राजनाथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं. हालांकि सरकार बनने की स्थिति में लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज की भूमिका पर बोलने से बचते हुए राजनाथ ने कहा कि दोनों वरिष्ठ नेता हैं, उनके बारे में पार्टी फैसला करेगी.
पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को मनचाही सीट से टिकट नहीं मिला है. इसे लेकर नेताओं की नाराजगी पर राजनाथ ने कहा कि टिकट बंटवारे का फैसला पार्टी की चुनाव समिति और ससंदीय बोर्ड की रणनीति के तहत किया गया है. दूसरी तरफ, जिस तरह राजनाथ पर कुर्सी के बल पर लखनऊ से टिकट हथियाने के आरोप लग रहे हैं, उन पर सफाई देते हुए उन्होंने दोहराया कि लखनऊ से उन्हें लड़ाने का फैसला भी पार्टी का है.
नरेंद्र मोदी को चेहरा बनाकर चुनावी अखाड़े में कूदी बीजेपी को राजग की हार काल्पनिक लग रही है. राजनाथ का दावा है कि अगर राजग को 272 प्लस का आंकड़ा हासिल नहीं होता है तो भी नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे क्योंकि कई दल और नेता गठबंधन में शामिल हो रहे हैं और चुनाव बाद भी कई दल जुड़ने वाले हैं.