इसे इत्तफाक ही कहिए कि BJP की जो भी नेत्री महिला मोर्चे की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी वह कभी भी लोक सभा का चुनाव नहीं जीत पाई. इस कड़ी में अब तक स्मृति ईरानी, करुणा शुक्ला, किरण माहेश्वरी और मृदुला सिन्हा का नाम था. लोकसभा चुनाव 2014 के बाद इसमें सरोज पांडे का नाम भी जुड़ गया. सरोज पिछली लोकसभा में छत्तीसगढ़ की दुर्ग लोकसभा से सांसद थीं, मगर इस चुनाव में हार गईं. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी ने पटखनी दी.
मोदी लहर में बस सरोज ही हारीं छत्तीसगढ़ से
छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 संसदीय सीटों में BJP के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का जादू जबरदस्त चला. मोदी की लहर के आगे जीत के तमाम पैंतरे आजमाने के बावजूद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता अजित जोगी की एक न चली और उन्हें भी करारी हार झेलनी पड़ी. ऐसे समय में भी पार्टी की मौजूदा महिला मोर्चे की राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज पांडे को कांग्रेस प्रत्याशी के सामने शर्मनाक पराजय झेलनी पड़ी. दुर्ग संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू ने उन्हें 16 हजार 848 वोटों से हरा दिया.
साहू पहली बार लोक सभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे थे. उन्हें पराजित करने के लिए BJP ने जबरदस्त घेराबंदी की थी. संगठन मंत्री सौदान सिंह, मुख्यमंत्री रमन सिंह और मंत्रिमंडल के मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे, अमर अग्रवाल, हेमचंद यादव और रमशीला साहू ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. फिर भी वे इस सीट से BJP को जीत नहीं दिला पाए. आखिर इस संसदीय सीट में मोदी लहर क्यों नहीं अपना असर दिखा पाई, इस बात को लेकर BJP मुख्यालय में माथापच्ची हो रही है. हालांकि सरोज पांडे मानती है कि इस हार के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं.
सरोज बोलीं, हम चिंतन करेंगे
इस हार पर प्रतिक्रिया देते हुए सरोज पांडे ने कहा, कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद हम निर्णय लेंगे और पार्टी के बड़े नेताओं से भी बात करेंगे. मुझे लगता है कि ये एक विचार का विषय है. भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं-नेताओं और हमारे मुख्यमंत्री ने बहुत मजबूती से काम किया. इसके बाद भी अगर ऐसा परिणाम है तो ये एक चिंतनीय विषय है.
शुरू से ही महिला मोर्चा की अध्यक्ष चुनाव हारती रहीं
बीजेपी के गठन के बाद से ही जिसने भी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभाली, उसे लोक सभा चुनाव में करारी हार झेलनी पड़ी. इसकी शुरुआत महिला मोर्चे के गठन के बाद ही शुरू हो गई थी. एक नजर महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष पर. राजमाता विजयराजे सिंधिया 1980-1985. मृदुला सिन्हा 1985-1991, जयवंती बेन मेहता 1991-1995, माया सिंह 1998-2000, शुना पाणी 2000-2002, कांता ताई 2002-2004, करुणा शुक्ला 2004-2007, किरण माहेश्वरी 2007-2010, स्मृति ईरानी 2010-2013, सरोज पांडे 20013 से अब तक.