जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर बहुमत जुटाने की रस्साकस्सी जारी है. सुलझते सियासी समीकरण और गठबंधन के उलझते पेंच के बीच अब महागठबंधन की बात भी चल पड़ी है . लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रदेश में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की स्थिर सरकार बनती नजर आ रही है. खबर है कि दोनों दलों के बीच मान-मनव्वल की प्रक्रिया एक और कदम आगे बढ़ चुकी है. लेकिन खास बात यह भी कि गठबंधन की स्थिति में बीजेपी भी मुफ्ती मोहम्मद सईद को ही मुख्यमंत्री देखना चाहती है.
सियासत की इस डगर पर सत्ता के मद में कौन झूमेगा इसको लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी है, लेकिन सोमवार को जिस तरह पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने महागठबंधन के संकेत दिए, बीजेपी खेमे में घमासन मची है और यह ताजा खबरों से पुष्ट होती दिख रही है. खबर यह भी है कि सरकार गठन की स्थिति में बीजेपी डिप्टी सीएम का पद अपने पास रखेगी और इसके लिए निर्मल सिंह का नाम लगभग तय हो चुका है.
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को खबर आई कि पीडीपी ने बीजेपी के तीन साल CM रोटेशन फॉर्मूले को खारिज कर दिया है. जबकि नईम अख्तर ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ महागठबंधन को भी एक विकल्प बताने संबंधी इशारा दिया. हालांकि, यह भी कहा गया कि यह बीजेपी पर दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है. पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी इसी आशय का एक ट्वीट किया था.
And now it's a PDP, NC & Cong grand alliance! Serious proposal or more mind games to give the BJP decision makers sleepless nights?
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) December 29, 2014
बीजेपी का साथ और जनता की राय
बताया जाता है कि पीडीपी ने राज्य में बीजेपी के साथ सरकार गठन के लिए अपने विधायकों को मनाने की कोशिश तेज कर दी है. विधायकों को ऐसी संभावनाओं के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में राय जुटाने के लिए भी कहा गया है. पार्टी विधायकों के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक चर्चा की समाप्ति पर पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उनसे कहा कि वे बीजेपी के साथ अगली सरकार बनाने की संभावनाओं पर जनता का मूड जानने के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाएं.
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के मुद्दे पर बुधवार को प्रदेश के राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात करेंगी. वोहरा ने राज्य में सरकार गठन के मसले पर विचार विमर्श के लिए शुक्रवार को महबूबा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को अलग-अलग वार्ता के लिए बुलाया था.