इस आम चुनाव में बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी की विपक्षी इस बात पर आलोचना कर रहे थे कि वह इंटरव्यू नहीं देते. पिछले दिनों मोदी ने एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने कमोबेश वही बातें दोहराईं, जिनका वह अपनी रैली में जिक्र करते हैं. मोदी ने कहा कि आज सवाल कांग्रेस मुक्त भारत का इसलिए है क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोगों का सरकार नाम की संस्था से यकीन उठ जाएगा.
गुजरात के मुख्यमंत्री बोले कि मेरे लिए कांग्रेस मुक्त भारत का मतलब कुशासन और करप्शन मुक्त भारत से है. उन्होंने कहा कि अब जरूरत वोट बैंक की नहीं बल्कि विकास की राजनीति करने की है. मोदी ने कहा कि एक अटल जी को छोड़कर देश के बाकी सभी प्रधानमंत्री कांग्रेसी गोत्र के बने, इसलिए बड़े बदलाव नहीं ला पाए.
मोदी ने कहा कि नेतृत्व अगर ठान ले तो व्यवस्था बदली जा सकती है. उन्होंने कहा कि जब मैं गुजरात में आया. तो वहां भी यही परंपरा, यही मुलाजिम, यही फाइलें थीं. फिर भी बदलाव आया. शासन तंत्र नीति निर्धारकों की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 का लोकसभा चुनाव नकारात्मक नहीं है. उन्होंने इसे इलेक्शन फॉर होप करार दिया. बकौल मोदी, यह भारतीय राजनीति में पहली बार हो रहा है.
क्या है मेरा एजेंडा
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जरूरत शासन व्यवस्था के अंदर जान भर देने की है. उन्होंने कहा कि मैं कोई नायक नहीं. बस एक कमिटमेंट वाला सामान्य इंसान हूं. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता गरीब है, नौजवान है, माताएं बहनें हैं. किसान है. सेना में बैठा जवान है. मोदी ने कहा कि युवाओं को रोजगार के लिए स्किल डिवेलपमेंट सिखाना होगा. फर्जी कमीशन बनाने से सिर्फ वक्त काटा जा सकता है, मुद्दा नहीं सुलझता. इसी तरह से एग्रीकल्चर सेक्टर को बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है.
यूपीए सरकार की तमाम लोकप्रिय योजनाओं की धज्जियां उड़ाते हुए मोदी बोले कि तिजोरी खाली करने वाली वोट बैंक की राजनीति को आर्थिक सुधार कहते हैं ये लोग. कोई काम करना चाहे तो उसके सामने कानूनों के जंगल खड़े कर देते हैं. हमारे यहां हिंदी दर्शन में कहते हैं कि चार धाम यात्रा करो तो मोक्ष हो जाता है. मगर सरकारी तंत्र में फाइलें 40 धाम की यात्रा करें तो भी क्लियरेंस का मोक्ष न मिले.
मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्यों का टकराव खतरनाक है. उन्होंने कहा कि भारत एक संघीय ढांचा है. हमें राज्यों को प्रोत्साहित करना चाहिए. दिल्ली अभी राज्यों के विकास में आड़े आती है.
मेरी ट्रेनिंग संघ की
अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि मुझे बचपन में आरएसएस द्वारा देश के लिए अनुशासन के साथ जीने के संस्कार मिले हैं. खुद के लिए नहीं औरों के लिए सोचने के संस्कार मिले हैं. मैं इसके लिए संघ का ऋणी हूं. अभी लोग पूछते हैं कि मोदी जी आप थकते नहीं हो क्या. संघ में मेरी कठोर परिश्रम की ट्रेनिंग हुई है. खुद के लिए कम सोचना. देश के लिए ज्यादा सोचना. तो फिर थकान कैसे हो. बीजेपी के पीएम कैंडिडेट बोले कि मेरे लिए आज भी राजनीतिक क्षेत्र एंबीशन नहीं एक मिशन है. राजनीति नहीं राष्ट्रनीति सर्वोपरि है. सत्ता नहीं समाज भक्ति सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि मुझे अपना नहीं 125 करोड़ लोगों का कल्याण करना है. उनके ही सहयोग से.