बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की फंडिग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पार्टी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार को 49 दिनों में ऐसा कौन सा खजाना मिल गया, जिसके बूते वो दिल्ली में विज्ञापन के लिए लाखों रुपये उड़ा रही है. पार्टी ने 20 हजार रुपये देकर डिनर करने वालों के नाम भी पूछे हैं.
दिल्ली के दंगल में प्रचार के लिए पैसे जुटाने की 'आप' की पॉलिसी बीजेपी को पसंद नहीं आई. केजरीवाल ने डिनर डोनेशन की नीति अपनाई. 20-20 हजारी डिनर करने वाले लोग आए. पैसे दनादन मिले लेकिन बीजेपी ने सवाल पूछ लिया कि 20 हजारी प्लेट वाले कौन थे, इसके बारे में केजरीवाल चुप रह गए.
बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी, दिल्ली बीजेपी के महासचिव आशीष सूद और अश्विनी उपाध्याय ने ये आरोप भी लगाया कि दिल्ली में आप के प्रचार में खर्च होना वाला पैसा हवाला के सहारे पाकिस्तान और अरब देशों से आ रहा है. आशीष सूद ने पूछा कि 49 दिन की केजरीवाल सरकार को कौन सा कुबेर का खजाना मिल गया, जो उन्होंने लाखों रुपये खर्च करके दिल्ली के सभी बस शेल्टरों, मेट्रो की साइट को प्रचार से पाट डाला बीजेपी ने कबीर एनजीओ और फोर्ड फाउंडेशन पर भी सवाल खड़े किए.
बीजेपी का कहना है कबीर एनजीओ का रजिस्ट्रेशन 2007 में हुआ, लेकिन इसे 2007 में ही 44 लाख रुपये फोर्ड फाउंडेशन से मिल गए.
आरोप से तिलमिलाए केजरीवाल पलटे. उन्होंने बीजेपी पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी और ये चुनौती भी दी कि बीजेपी और कांग्रेस उन्हें मिलने वाले चंदे को सार्वजनिक कर के दिखाएं.
आम आदमी पार्टी का दावा है कि उनकी सारी फंडिग को वेबसाइट पर दिखाया जाता है. पार्टी का कहना है पिछली बार 20 करोड़ रुपये के फंड का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पूरा होते ही बंद कर दिया गया. इस बार का टारगेट 30 करोड़ का है. इस बार भी टारगेट पूरा होते ही चंदा लेना बंद कर दिया जाएगा.