भारतीय जनता पार्टी चुनाव के बाद सोशल नेटवर्किंग साइटों को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाने जा रही है. आर्थिक समाचार पत्र द इकोनॉमिक टाइम्स ने यह खबर दी है.
अखबार के मुताबिक पार्टी का कहना है कि अगर वह सत्ता में आई तो वह ऐसा वातावरण तैयार करेगी जिसमें गूगल, फेसबुक और याहू जैसी कंपनियों को बढ़ावा दिया जाएगा कि वे भारत में अपने सर्वर स्थापित करें. बीजेपी की आईटी टीम के एक सदस्य ने कहा कि पार्टी विभिन्न विदेशी और भारतीय आईटी कंपनियों के संपर्क में है. वह उन कंपनियों को नीतिगत रूप से समर्थन दे रही है जिनके सर्वर भारत से बाहर हैं.
बीजेपी के आईटी सेल के राष्ट्रीय सह संयोजक विनीत गोयनका ने कहा कि हम उन पर जोर नहीं डाल रहे हैं. लेकिन हमारा मानना है कि वे अपने सर्वर भारत लाएं. उन्होंने कहा कि सरकार एक पक्की टेक्नोलॉजी पॉलिसी लाने में विफल रही है. उसने ऐसा कुछ नहीं किया कि विदेशी कंपनियां इस बात के लिए प्रेरित की जा सकें कि वे भारतीय इंटरनेट यूजर्स के डेटा भारत में ही रखें. इससे हमें आर्थिक नुकसान तो ही हो रहा है, डेटा सुरक्षा का खतरा अलग मंडरा रहा है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एजेंसी के कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन द्वारा किए गए रहस्योद्घाटन के बाद डेटा सुरक्षा की चिंताएं बढ़ गई हैं. उसके मुताबिक अमेरिकी सरकार के पास गूगल, फेसबुक और याहू जैसी कंपनियों से निकाले गए लाखों लोगों के व्यक्तिगत डेटा हैं. काफी समय से इंटरनेट एक्टिविस्ट इन कंपनियों को भारत में अपने सर्वर लगाने के बारे में कह रहे हैं ताकि डेटा सिक्योरिटी के खतरों से बचा जा सके.
गोयनका ने कहा कि आखिर हमारे देश के लोगों के डेटा को दूसरे देशों में क्यों रखा जाए, यह बड़ा सवाल है. हमें उन पर विश्वास तो है लेकिन नाहक खतरा क्यों उठाया जाए?