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नरेंद्र मोदी के नाम पर चंदा जुटाने के लिए BJP ने जारी किए फर्जी पोस्टरः विकिलीक्स

विकिलीक्स संस्थापक जूलियन असांज की ओर से मोदी की तारीफ का झूठा दावा करके बीजेपी फंस गई है. विकिलीक्स ने दावा किया है कि बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के नामपर चंदा इकट्ठा करने के लिए जूलियन असांज के बयान वाले फर्जी पोस्टर बनवाए गए.

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Julian Assange, Narendra Modi
Julian Assange, Narendra Modi

विकिलीक्स संस्थापक जूलियन असांज की ओर से मोदी की तारीफ का झूठा दावा करके बीजेपी फंस गई है. विकिलीक्स ने दावा किया है कि बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के नाम पर चंदा इकट्ठा करने के लिए जूलियन असांज के बयान वाले फर्जी पोस्टर बनवाए गए. इससे पहले विकिलीक्स यह भी साफ कर चुका है कि उसके संस्थापक जूलियन असांज ने कभी मोदी की तारीफ नहीं की.

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गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक पोस्टर खूब शेयर किया गया था. इस पोस्टर में दावा किया गया था कि जूलियन असांज ने कहा है कि 'अमेरिका मोदी से डरता है क्योंकि वह जानता है कि मोदी भ्रष्ट नहीं हैं.' पोस्टर पर विकिलीक्स संस्थापक जूलियन असांज की तस्वीर भी बनी हुई थी. 2011 में नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर भी दावा किया गया था कि विकिलीक्स केबल्स में मोदी की तारीफ की गई है. वेबसाइट पर छपे बयान में मोदी ने इस खबर पर खुशी जताई थी.

लेकिन अपने ताजा ट्वीट्स में विकिलीक्स ने दावा किया है कि ये पोस्टर बीजेपी से जुड़ी प्रीति गांधी ने बनवाए हैं. सबूत के तौर पर विकिलीक्स ने प्रीति का ट्विटर अकाउंट देते हुए उनका ट्वीट जारी किया. इससे पता चलता है कि प्रीति ने मोदी के समर्थन में यह विवादित पोस्टर रीट्वीट किया है. प्रीति गांधी महाराष्ट्र बीजेपी की संचार सेल की मुखिया हैं.

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                                      यही है वह पोस्टर

विकिलीक्स ने दो और ट्विटर अकाउंट भी शेयर किए. ये अकाउंट बीजेपी से जुड़े प्रसन्ना कार्तिक और तन्वी मदान के हैं. इन दोनों ने भी यह विवादित तस्वीर शेयर की है. प्रसन्ना ने अपने ट्विटर प्रोफाइल में खुद को बीजेपी के मिशन 272+ का नेशनल डिजिटल ऑपरेशन्स सेंटर का ऑपरेशंस इंचार्ज बताया है. तन्वी मदान ने भी यह तस्वीर शेयर करने के साथ बीजेपी के लिए डोनेट करने की अपील की है.

 

'अमेरिकी राजनयिक ने भी नहीं की मोदी की तारीफ'
इससे पहले सोमवार को विकिलीक्स ने यह साफ कर दिया कि उसके केबल्स में अमेरिकी डिप्लोमेट ने कभी भी बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को 'ईमानदार' नहीं कहा.

विकिलीक्स ने ट्विटर पर लिखा कि उसके केबल्स में किसी अमेरिकी डिप्लोमेट ने मोदी को कभी 'भ्रष्ट न होने वाला' और 'इकलौता ईमानदार भारतीय राजनेता' नहीं कहा. इतना ही नहीं, विकिलीक्स ने यह भी साफ किया कि उसके संस्थापक जूलियन असांज ने कभी भी मोदी के बारे में कुछ नहीं कहा और इस बारे में मोदी समर्थकों और बीजेपी ने झूठा प्रचार किया है.

2006 में मुंबई के अमेरिकी काउंसलर जनरल माइकल एस ओवेन ने 2006 में ये केबल भेजे थे. विकीलीक्स ने खुलासा किया कि ओवेन के मुताबिक मोदी के बारे में यह बात राजकोट के कांग्रेस नेता मनोहर सिंह जडेजा ने कही थी.

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गौरतलब है कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी की ओर से दावा किया गया था कि विकिलीक्स ने गुजरात के मुख्यमंत्री को ईमानदार बताया है. विकिलीक्स ने ट्वीट करके कहा है कि मोदी की बीजेपी इस बारे में झूठा प्रचार कर रही है कि विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज ने मोदी का समर्थन किया है.

नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर भी यह दावा किया गया था कि विकिलीक्स ने मोदी की तारीफ की गई है. (देखें, मोदी की वेबसाइट पर फर्जी दावा )

 

यह सफाई उस केबल के बारे में दी गई है जिसमें माइकल एस ओवेन की 2006 में मोदी से मुलाकात का जिक्र है. इस मुलाकात से जुड़े केबल्स विकिलीक्स ने 2011 में जारी किए थे. इस केबल में ओवन ने गुजरात के विकास और गोधरा हादसे के बाद हुए मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी से हुई अपनी बातचीत का जिक्र किया था.

 

केबल में लिखा है , 'मोदी ने बेहतर सड़कें, बिजली, पानी की उपलब्धता, डायरेक्ट इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने और आर्थिक तरक्की के स्तर पर अपनी उपलब्धियों के बारे में बताया. कांउसल जनरल ने पाया कि कई क्षेत्रों में तरक्की हुई है. पर उन्होंने सांप्रदायिक रिश्तों और 2002 की हिंसा के लिए जवाबदेह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछा. मोदी प्रकट तौर पर नाराज नजर आए. उन्होंने तीखा डिफेंस पेश किया जिसमें शामिल था यूएसजी में हस्तक्षेप और अबू गरीब में अमेरिकी मानवाधिकार पर हमले का जिक्र और यह दावा कि गुजरात में मुसलमान किसी भी राज्य की तुलना में बेहतर हैं.'

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2011 में केबल रिलीज होने के समय नरेंद्र मोदी बीजेपी में पीएम पद की रेस में सबसे आगे थे. केबल में खुद को 'भ्रष्ट न किया जा सकने वाला' कहे जाने पर मोदी ने खुशी जताई थी. उन्होंने अपनी वेबसाइट पर भी इस संबंध में बयान जारी किया था, जिसका शीर्षक था, 'मैं खुश हूं कि अमेरिका ने माना कि मोदी ईमानदार हैं.'

                 मोदी की वेबसाइट पर किया गया 'झूठा' दावा?

बीजेपी ने भी मौके का फायदा उठाते हुए दावा किया था कि विकिलीक्स के केबल में ईमानदार घोषित किए जाने वाले मोदी इकलौते नेता हैं. बीजेपी ने यह भी कहा था कि लगता है कि अमेरिका मोदी पर अपनी वीजा नीति पर दोबारा विचार कर रहा है.

2002 के गुजरात दंगों में नाम आने के बाद 2005 में अमेरिका ने मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था. हालांकि जब सुप्रीम कोर्ट की बनाई एसआईटी ने मोदी को क्लीनचिट दे दी तो अमेरिकी राजदूत नैन्सी पावेल ने अहमदाबाद में मोदी से मुलाकात की थी.

विकिलीक्स की वेबसाइट पर पढ़िए, क्या लिखा था उस केबल में

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