दिल्ली बीजेपी इस बार एमसीडी चुनाव में आगे बने रहने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. एमसीडी के चुनाव हैं, लेकिन चुनाव मैनेजमेंट लोकसभा या विधानसभा से कम नहीं है. नगर निगम के चुनाव स्थानीय चुनाव माने जाते हैं और कहा जाता है कि उम्मीदवार और उनकी छवि सबसे अहम होती है, लेकिन एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने चुनाव मैनेजमेंट के सभी तरीके इस्तेमाल कर लिए हैं. इसी का हिस्सा है एमसीडी की फीडबैक यूनिट.
दिल्ली बीजेपी के प्रदेश कार्यालय से ऑपरेट हो रही इस यूनिट का काम दिल्ली के हर वार्ड में पार्टी के प्रचार और उम्मीदवार की गतिविधियों पर नज़र रखने का है. यूनिट के लोग हर वक्त हर वार्ड के चुनाव प्रबंधन में लगे कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहते हैं और ताज़ा अपडेट लेते रहते हैं.
इस फीडबैक का मकसद पार्टी की स्थिति को वार्ड में मजबूत बनाने का होता है. सबसे पहला काम तो ये है कि वार्ड में चुनाव सामग्री पहुंची या नहीं. चुनाव सामग्री पहुंच गई है, तो उसका कितना इस्तेमाल हुआ. अगर कहीं चुनाव के लिए झंडे बैनर, पोस्टर की कमी है, तो उसे तुरंत वार्ड तक पहुंचाना. किसी भी वार्ड में पार्टी की मौजूदगी चुनाव सामग्री के जरिए दिखाई देती रहे, ये भी फीडबैक यूनिट के लोग मानिटर करते हैं.
इसके अलावा वार्ड में मौजूद संगठन के लोगों से फीडबैक लेकर चुनाव प्रचार की स्थिति का आंकलन भी किया जाता है. जैसे कोई उम्मीदवार चुनाव प्रचार में सुस्त है, तो उसके प्रचार को रफ्तार देना. अगर चुनाव प्रचार की सुस्त रफ्तार किसी खास वजह से सुस्त है, तो तुरंत उसे संगठन को रिपोर्ट करना. अगर इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरती है, तो संगठन के लोगों की बैकअप टीम को भेजना, जैसे काम इस फीड बैक यूनिट के ज़िम्मे है.
फीडबैक यूनिट के प्रभारी उत्तराखंड के प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष विनय रोहिल्ला को बनाया गया है, उनके मुताबिक उनकी टीम का काम हर वक्त प्रत्याशियों या वार्ड के चुनाव प्रबंधन टीम के संपर्क में रहना है. जैसी भी और जब भी जरूरत पड़ती है, तब उनकी टीम बैकअप सपोर्ट के लिए तैयार रहती है.
बीजेपी नेता विजय अग्रवाल के मुताबिक दिल्ली की जानकारी रखने वाले कार्यकर्ताओं को इस टीम की मदद के लिए लगाया गया है, ताकि वार्डों में मदद तुरंत पहुंचायी जा सके.