दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को आज तब एक बड़ा फायदा हुआ जब पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री एवं कभी कांग्रेस के बड़े नेता रहे बूटा सिंह के बेटे अरविन्दर सिंह लवली ने भगवा पार्टी का दामन थाम लिया. लवली का हूबहू वही नाम है जो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख अरविन्दर सिंह लवली का नाम है.
लवली ने 2008 में दिल्ली की देवली विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. सूत्रों ने बताया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा उन्हें टिकट न दिए जाने का फैसला किए जाने से नाराज थे. 2013 के विधानसभा चुनाव में वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से हार गए थे. लवली ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हूं जिनके नेतृत्व में देश अच्छी तरह से तरक्की कर रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत निराश था क्योंकि मेरे पिता को कांग्रेस ने आम चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्हें राजस्थान से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना पड़ा. मैं अब आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी (भाजपा) को जिताने में मदद करूंगा.’ भाजपा के अनुसार लवली ने अनुसूचित जाति समुदाय में काम किया है और इसलिए पार्टी मजबूत होगी.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, ‘लवली के शामिल होने से आगामी चुनाव में निश्चित तौर पर पार्टी मजबूत होगी. हमें पूरा विश्वास है कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.’ दो आप नेता- अधिवक्ता संदीप दुबे एवं इंजीनियर चंद्रकांत त्यागी भी भाजपा में शामिल हो गए. इसके अतिरिक्त, भाजपा ने दावा किया कि राष्ट्रीय लोकदल की पाषर्द अनीता त्यागी (छतरपुर), कांग्रेस के पूर्व पाषर्द दीपक चौधरी, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष शशिकांत दीक्षित, और कांग्रेस नेता गोपाल पहाड़िया भी भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में हैं.
अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए संदीप दुबे ने कहा कि आप में आम आदमी की आवाज नहीं सुनी जाती, इसीलिए वह भाजपा में शामिल हो गए हैं.
इनपुट: भाषा से...