सेना में पहले नौकरी करने वाले अभिमन्यु बीजेपी के सबसे प्रमुख उम्मीदवार हैं. 46 साल के अभिमन्यु ने सेना छोड़कर बिज़नेस में कदम रखा और फिर राजनीति में. उन्हें बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह का पूरा सहयोग मिला. वह हरियाणा विधानसभा की नारनौद सीट से खड़े हुए और नरेन्द्र मोदी के गुड गवर्नेंस के मंत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और उन्हें काफी जनसमर्थन मिला.
इसके पहले वह तीन बार चुनाव में खडे़ हुए और हारे. दो बार वह रोहतक लोकसभा सीट से खड़े हुए जहां वह भूपेन्दर और दीपेंदर हुड्डा से चुनाव हारे. लेकिन इस बार मोदी लहर में उन्हें काफी जनसमर्थन मिला. इस बार उनका मुकाबला पूर्व आईपीएस ऑफिसर कांग्रेस के राजबीर सिंह मोर और विधायक सरोज मोर के पति से था. 2009 में अभिमन्यु उनसे ही चुनाव हारे थे.
अभिमन्यु ने हावर्ड बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएशन किया. उसके बाद वह सेना में छह साल रहे और 1994 में कैप्टन के पद से इस्तीफा देकर बिजनेस करने लगे. उन्होंने अपना एक हिन्दी समाचार पत्र भी निकाला. वह यूपीएससी में भी चुने गए थे. बीजेपी में आगे बढ़ते हुए वह राष्ट्रीय सचिव तक बन गए. लोकसभा चुनाव में वह पंजाब और उत्तर प्रदेश के मामलों को अमित शाह के साथ देखते थे.