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छत्तीसगढ़ में कांटे की टक्कर के बीच बची बीजेपी की सत्ता

शुरुआती नतीजों में कांग्रेस से कांटे की टक्कर, घंटों असमंजस और फिर चाउर वाले बाबा रमन सिंह का जादू! आखिरकार छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सत्ता कायम रह गई. रविवार को राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में बीजेपी को अगले पांच साल के लिए जनादेश मिल गया.

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रमन सिंह
रमन सिंह

शुरुआती नतीजों में कांग्रेस से कांटे की टक्कर, घंटों असमंजस और फिर चाउर वाले बाबा रमन सिंह का जादू! आखिरकार छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सत्ता कायम रह गई. रविवार को राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में बीजेपी को अगले पांच साल के लिए जनादेश मिल गया.

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सात घंटों तक कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़े मुकाबले के संकेत के बाद परिणाम राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के लिए राहत देने वाला रहा. 90 सदस्यीय विधानसभा में रमन सिंह ने 49 सीटें अपने खाते में आने का दावा किया है. उन्होंने कहा, 'यह लोगों की जीत है. यह विकास के लिए जनादेश है.'

रमन सिंह ने कहा, 'मैंने यह चुनाव पूरी तरह विकास के मुद्दे पर लड़ा था और विकास की गति तेज करने के लिए मैं जो भी बेहतर हो सकेगा करूंगा. तीसरी बार जीत दर्ज करना ऐतिहासिक है.'

इस बार सत्ता में वापसी का सपना संजोए कांग्रेस ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है. प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत ने कहा, 'हार को पचा पाना अत्यंत कठिन होता है. हमने कठिन परिश्रम किया था, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि कांग्रेस पराजित हो चुकी है और यह गंभीर समीक्षा का समय है.'

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पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की सबसे कमजोर कड़ी छत्तीसगढ़ को माना जा रहा था.

रविवार को मतगणना शुरू होने पर कांग्रेस ने शुरुआती बढ़त हासिल की थी, लेकिन बाद में पिछड़ती चली गई. एक वक्त ऐसा भी आया जब कांग्रेस ने जीत का दावा कर दिया था. सैकड़ों की संख्या में उत्साही कार्यकर्ता पार्टी नेता अजित जोगी के आवास पर जमा हो गए और उन्हें अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने तक की मांग कर डाली.

अनिश्चितता का आलम यह था कि बीजेपी के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की शुरुआती बधाई सिर्फ राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथियों तक ही सीमित रही.

अंत में बीजेपी ने 90 सदस्यीय विधानसभा में आधे का आंकड़ा पार किया और वर्ष 2008 के मुकाबले एक सीट पीछे रहते हुए 49 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस पिछले चुनाव के मुकाबले दो सीटें अधिक जीतते हुए 39 पर अटक गई.

एक सीट बीजेपी के विद्रोही और दूसरी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के खाते में गई है. बीजेपी के लिए सबसे डरावना नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके में सुधरा प्रदर्शन रहा. कांग्रेस यहां आधा दर्जन सीटें झटकने में कामयाब रही. साल 2008 के चुनाव में बीजेपी ने बस्तर के 12 में से 11 क्षेत्रों में विजय हासिल की थी.

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बीजेपी के सांसद समेश बैस ने कहा कि पार्टी को राज्य में पराजय से बचाने में रमन सिंह की कल्याणकारी और विकास योजनाएं रही हैं.

कांग्रेस के विजयी रहे प्रमुख नेताओं में खरसिया सीट से पार्टी के दिवंगत प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के पुत्र उमेश पटेल हैं. मुख्यमंत्री रमन सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र राजनंदगांव में निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार अलका उदय मुदियार को हराया.

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