केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामला को ले कर नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार और अमित शाह की गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त सबूत होने के बावजूद उन्हें बचाया गया.
सिब्बल ने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि कौन है जो मोदी और शाह को बचा रहा है जबकि हमारे जैसे वकीलों के मुताबिक इशरत जहां और तीन अन्य की फर्जी मुठभेड़ के मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.' कांग्रेस नेता ने यह तीखा हमला गुजरात में एक चरण के चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन किया. यहां 30 अप्रैल को मतदान होगा.
मोदी के गुजरात मॉडल पर हमला करते हुए सिब्बल ने कहा, 'देश में अब बहुत से मॉडल की चर्चा की जा रही है, लेकिन यह गुजरात का मुठभेड़ मॉडल है. मुठभेड़ 15 जून 2004 को हुई और मुठभेड़ के समय और मुठभेड़ से पहले आरोपित पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा और तत्कालीन गृहराज्य मंत्री अमित शाह के बीच वार्ता के टेलीफोन कॉल रेकार्ड हैं.'
सिब्बल ने कहा, 'आपराधिक दंड संहिता 164 के तहत उनकी तरफ उंगली उठाने वाले पुलिस अधिकारियों के बयानात हैं.' सिब्बल ने आरोप लगाया, 'साफ तौर पर मोदी की जानकारी के बगैर यह सब नहीं हो सकता था.' केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यह सभी टुकड़े अब जगह पर आ गए हैं. प्रकट हुए साक्ष्य से राज्य के सर्वोच्च प्राधिकारी को अब जवाब देने की जरूरत है. अदालतों को मानवाधिकार के लिए खड़ा होना चाहिए और उन लोगों से तेजी से निबटना चाहिए जिन्होंने फर्जी मुठभेड़ से लोगों को खत्म किया है.'
सिब्बल से जब पूछा गया कि क्या केंद्रीय सरकार के तहत सीबीआई मोदी और शाह को गिरफ्तारी से बचा रही है तो उन्होंने जवाब दिया, 'सीबीआई केंद्र सरकार के तहत काम नहीं करती है. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इशरत जहां और तीन अन्य के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में दायर आरोपपत्रों में किसी राजनीतिक नेता को शामिल नहीं किया है. उसने पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए हैं.'
सिब्बल से जब पूछा गया कि केंद्र सरकार का कोई शीर्ष कांग्रेस नेता मोदी और शाह के प्रति नरम है और आरोप पत्र से उन्हें बाहर रखे है तो उन्होंने ना में जवाब दिया. एक युवती की जासूसी कराने के मामले में सिब्बल ने कहा कि उनकी सरकार 16 मई से पहले घटना की जांच के लिए कोई न्यायाधीश नियुक्त करेगी. सिब्बल का ध्यान मीडिया की रिपोर्टों की तरफ दिलाया गया जिनके मुताबिक कुछ अवकाशप्राप्त न्यायाधीशों ने इस मामले की जांच के लिए गठित आयोग की अध्यक्षता करने से इनकार कर दिया तो केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया, मैं अखबारी रिपोर्टों पर यकीन नहीं करता. आखिर मैं क्यों अखबारी रिपोर्टों पर यकीन करूं? रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों के बारे में सिब्बल ने कहा, वे (बीजेपी) पिछले दो साल से ये आरोप लगा रहे हैं.उन्हें इस मामले की जांच कराने दें.