बिहार के CM नीतीश कुमार ने PM नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि जब उन्हें जीतनराम मांझी से इतना ही लगाव है, तो वे उन्हें NDA की ओर से CM उम्मीदवार घोषित क्यों नहीं कर देते हैं.
दरअसल, नीतीश से पीएम मोदी की उस राय पर कमेंट मांगा गया था, जिसमें उन्होंने कहा है कि नीतीश ने महादलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जीतनराम मांझी को दरकिनार कर दिया. नीतीश ने सफाई दी, 'मैंने मांझी को अपना सहयोगी होने के नाते चुना था, न कि उनकी जाति के आधार पर.'
CM नीतीश ने बुधवार को PM मोदी से मांग की कि वे अपना 'DNA' वाला बयान' वापस लें. नीतीश ने कहा कि यह उनके लिए कोई चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि बिहार की अस्मिता से जुड़ा सवाल है.
पीएम मोदी ने बिहार में रैली के दौरान नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए उनके DNA पर टिप्पणी की थी. उस वक्त भी नीतीश ने यही कहा था कि 'DNA' पर टिप्पणी करना सभी बिहारियों का अपमान है. नीतीश ने बुधवार को Twitter पर इससे जुड़े तथा कई अन्य मुद्दों पर अपनी बेबाक राय दी.
भारतीय समाज की हकीकत है जाति
नीतीश कुमार ने कहा कि जाति भारतीय समाज की हकीकत है. उन्होंने कहा कि इस मामले में बिहार और दूसरे राज्यों में कोई अंतर नहीं है.
'चुनाव में जनता देगी मेरी नीतियों पर राय'
बिहार के सीएम ने कहा कि आगामी चुनाव उनकी नीतियों और कामकाज पर जनता की रायशुमारी जैसा ही होगा. उन्होंने कहा कि वे फैसला जनता पर ही छोड़ते हैं.
इस बार सोशल मीडिया पर ज्यादा ध्यान!
नीतीश कुमार से पूछा गया कि क्या वे महसूस करते हैं कि पिछले आम चुनाव में उन्होंने सोशल मीडिया को नजरअंदाज किया था? इसके जवाब में नीतीश ने कहा, 'मैं नई चीजें सीखने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं.'
#NKLetterToModi Sir do you think you erred by ignoring social media in the run up to the general elections? Remember you dismissing chidiya
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) August 5, 2015
.@rahulkanwal I am always open to learn new things
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 5, 2015