उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोमवार को महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में होने वाली रैली से पहले, शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है. राउत ने कहा कि सीएम योगी को यूपी में ही रहना चाहिए क्योंकि वहां की स्थिति 'गंभीर' है. शिवसेना सांसद के इस बयान के बाद सियासी हलकों में हलचल बढ़ गई है.
बता दें कि महाराष्ट्र के विदर्भ में पांच लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए मतदान होगा. जिसमें नागपुर भी शामिल है, जहां से केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी चुनाव लड़ रहे हैं.
सोमवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए सांसद संजय राउत ने कहा, "योगी आदित्यनाथ को यूपी में रहना चाहिए क्योंकि वहां स्थिति गंभीर है. यूपी में स्थिति जितनी दिखती है उससे कहीं अधिक गंभीर है. मैं इससे अच्छी तरह वाकिफ हूं. पार्टी (भाजपा) को 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी देश में वोट मांगना पड़ रहा है.”
मालूम हो कि पीएम मोदी का दिन के अंत में महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है. ये भी विदर्भ क्षेत्र में है. सीएम योगी और पीएम मोदी की एक ही दिन में महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर जनसभा है.
इसको लेकर राज्यसभा सदस्य राउत ने निशाना साधते हुए दावा किया, "पीएम मोदी सरकारी पैसे का इस्तेमाल कर प्रचार कर रहे हैं. यह आचार संहिता का उल्लंघन है."
निशाने पर संजय राउत
इससे पहले कांग्रेस से निष्कासित किए गए संजय निरुपम ने 'खिचड़ी घोटाला' मामले में संजय राउत पर निशाना साधा. निरुपम के अनुसार, "इस खिचड़ी घोटाले के किंग संजय राउत हैं. इस घोटाले में संजय राउत ने अपनी पत्नी, भाई और बेटी के नाम पर पैसे लिए हैं. जिस कंपनी को खिचड़ी का ठेका दिया गया. उससे राउत और उनके परिवार और दोस्तों को एक करोड़ रुपये मिले हैं."
कुल मिलकर लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत में हलचल बढ़ गई है. संजय राउत जहां बीजेपी पर हमलावर हैं वहीं पूर्व कांग्रेसी संजय निरुपम ने राउत को आड़े हाथों लिया.