scorecardresearch
 

बिहार चुनाव: लालू के 'बैकवर्ड बनाम फॉरवर्ड' एजेंडे से दूरी बना रही है कांग्रेस

बिहार चुनाव में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद का 'अगड़ा बनाम पिछड़ा' कार्ड कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गया है. सूत्रों के मुताबिक, इसी के चलते सोनिया-राहुल समेत बड़े कांग्रेसी नेता अब चुनावी प्रचार के सफर में लालू के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते.

Advertisement
X
रैलियों में लालू खुलकर जाति की बात को हवा देते हैं
रैलियों में लालू खुलकर जाति की बात को हवा देते हैं

बिहार चुनाव में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद का 'अगड़ा बनाम पिछड़ा' कार्ड कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गया है. सूत्रों के मुताबिक, इसी के चलते सोनिया-राहुल समेत बड़े कांग्रेसी नेता अब चुनावी प्रचार के सफर में लालू के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते.

Advertisement

लालू प्रसाद का धुआंधार जाति कार्ड खेलना और आगे बढ़कर सियासी लड़ाई को 'अगड़ा बनाम पिछड़ा' बनाने का ऐलान करना कांग्रेस को कतई रास नहीं आ रहा. दरअसल, कांग्रेस को बिहार के साथ देशभर में अगड़ी जाति के वोट गंवाने का डर सता रहा है, इसीलिए वह इस मामले में बयानबाजी कर महागठजोड़ में फूट का संदेश तो नहीं देना चाहती, लेकिन लालू की जातिगत सियासत से दूरी बनाकर सियासी संदेश देना चाहती है.

कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा, 'लालूजी की अलग पार्टी है. जहां तक कांग्रेस का सवाल है, तो हम सबको साथ लेकर चलते हैं. महागठजोड़ की सरकार बनी, तो न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत बनेगी और यह सबको साथ लेकर चलेगी.'

सूत्रों के मुताबिक, बिहार में कांग्रेस नीतीश के सुशासन पर ही दांव लगाते दिखना चाहती है. इसके लिए जल्द ही महागठबंधन की तरफ से एक साझा एजेंडा जारी करने की तैयारी है, जिसमें कांग्रेस भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के साथ ही गरीबों-सवर्णों को उपयुक्त मदद की बात को जोर-शोर से रखना चाहती है.

Advertisement

इस दांव के जरिए कांग्रेस को लगता है कि बिहार में वह अपने उम्मीदवारों के लिए सवर्ण वोट भी खींच सकती है और देशभर में अगड़ों को संदेश भी दे सकती है.

Advertisement
Advertisement