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यूपी में फेल हुआ राहुल का फॉर्मूला! 'पैराशूट' प्रत्याशियों के भरोसे कांग्रेस

थोपे गए प्रत्याशियों और वंशवाद के चलते टिकट देने का विरोध करने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने फिलहाल यूपी में तो यू-टर्न ले लिया है.

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कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

थोपे गए प्रत्याशियों और वंशवाद के चलते टिकट देने का विरोध करने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने फिलहाल यूपी में तो यू-टर्न ले लिया है. पार्टी ने यहां कई ऐसे लोगों को टिकट दे दिया है जो बाहर से आने वाले 'पैराशूट प्रत्याशी' हैं. यही कारण है कि टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में अब विरोध के स्वर भी फूटने लगे हैं.

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राहुल हमेशा बाहर से थोपे प्रत्याशियों का विरोध करते आए हैं. लेकिन तय प्रक्रिया के तहत नीचे से आए नामों के पैनल से प्रत्याशी चयन की वकालत करने वाले राहुल यूपी में ही फेल हो गए. कई लोकसभा सीटों पर पैनल से बाहर के प्रत्याशियों को टिकट दे दिया गया है. फूलपुर सीट से मोहम्मद कैफ को कांग्रेस ने उतारा है. क्रिकेट से राजनीति में आए इस युवा नेता का नाम पैनल के बजाय ऊपर से ही आया है. भोजपुरी फिल्मों के कलाकार रवि किशन भी पैराशूट प्रत्याशी बनकर कांग्रेस में आए हैं. उन्हें जौनपुर से टिकट दिया है.

मुजफ्फरनगर सीट से टिकट पाने वाले सूरज सिंह वर्मा बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए हैं. इन्होंने 2004 में बीएसपी के टिकट से सांसद का चुनाव लड़ा था. मोहनलालगंज से टिकट पाने वाले नरेंद्र गौतम भी कुछ वर्षों पहले बीएसपी छोडक़र कांग्रेस में आए हैं. इन्हें टिकट मिलने पर कांग्रेस में बगावत भी शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस के महासचिव श्यामलाल पुजारी ने विरोध में आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है.

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वहीं, सुलतानपुर से संजय सिंह की पत्‍नी अमिता सिंह को टिकट देकर पार्टी ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है. इस सीट से संजय सिंह सांसद थे. उनके पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने की चर्चाओं ने कांग्रेस आलाकमान को हिला दिया. इसी के बाद उन्हें असम से राज्यसभा में भेजा गया. अब संजय सिंह की सीट पर कांग्रेस ने उनकी पत्‍नी को टिकट दे दिया गया है.

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