हरियाणा में कांग्रेस का इम्तिहान है. मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा सत्ता में वापसी का दावा ठोक रहे हैं. लोक सभा चुनाव में कांग्रेस की लहर चली थी, पार्टी को वही करिश्मा विधान सभा चुनाव में भी दुहराने की उम्मीद है. उधर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला भी कुर्सी पाने का दम भर रहे हैं.
कांग्रेस को है 60 सीटें जीतने की उम्मीद
सत्तारूढ़ कांग्रेस को उम्मीद काफी है. लोकसभा चुनाव में 10 में 9 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी. जीत की इस लहर का रुख पलटे इससे पहले मुख्यमंत्री इसका पूरा फायदा उठाना चाहते थे. इसीलिए मुख्यमंत्री ने समय से 7 महीने पहले विधान सभा भंग करा दिया. अब ये दांव कारगर होता है या नहीं ये कुछ ही देर में साफ हो जाएगा. कांग्रेस 90 में से 60 सीटों पर जीत की आस संजोए है. पार्टी को उम्मीद है बंटे हुए विपक्ष से. बीजेपी ओर आईएनएलडी अलग चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा भजन लाल की हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी भी मैदान में है. बीएसपी भी राज्य के दस फीसदी दलित वोटों को अपनी ओर खींच सकती है. जाहिर है इस चौतरफे लड़ाई का फायदा कांग्रेस को हो सकता है. विकास का मुद्दा भी पार्टी अपने हक में भुनाने में कामयाब रही है.
सत्ता सुख पाने को बेकरार हैं चौटाला
उधर मुख्य विपक्षी पार्टी इडियन नेशनल लोक दल के नेता और पूर्व मुख्य मंत्री ओम प्रकाश चौटाला एक बार फिर सत्ता सुख पाने को बेकरार हैं. जीत का दम वो भी खूब भर रहे हैं. शायद ये उनका आखिरी चुनाव है. ऐसे में जनता से इमोशनल वोट की भी उम्मीद है. इसके अलावा एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का भरोसा है. पंजाब से भाखरा केनाल का विवाद न सुलझ पाना भी चौटाला के हक में जा सकता है. वैसे उम्मीद ये भी है कि हरिय़ाणा जनहित कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में किंग मेकर की भूमिका निभा सकती है.