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कांग्रेस को नहीं दिख रही मोदी की लहर, अब पार्टी को 140 सीटें मिलने का भरोसा

6 चरणों के मतदान के बाद कांग्रेस उतनी हतोत्साहित नहीं है जितने वह चुनाव के आगाज से पहले थी. मीडिया में मोदी की लहर और बीजेपी की वापसी के दावों के विपरीत कांग्रेस को लगता है कि उसका प्रदर्शन अब तक उतना खराब नहीं रहा है जितना प्रोजेक्ट किया जा रहा है.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

6 चरणों के मतदान के बाद कांग्रेस उतनी हतोत्साहित नहीं है, जितनी वह चुनाव के आगाज से पहले थी. मीडिया में मोदी की लहर और बीजेपी की वापसी के दावों के विपरीत कांग्रेस को लगता है कि उसका प्रदर्शन अब तक उतना खराब नहीं रहा है जितना प्रोजेक्ट किया जा रहा है.

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राज्य इकाइयों और कांग्रेस शासित राज्यों की सरकार (जहां मतदान हो चुके हैं) से मिले फीडबैक के आधार पर कांग्रेस को लगता है कि वह करीब 140 सीट जीतने में कामयाब रहेगी. यह 2004 में पार्टी को मिले 145 सीटों के करीब है, जब सेकुलर मोर्चे के नाम पर यूपीए की सरकार बनी. यह खबर अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' में छपी है.

पार्टी सूत्र ने यह भी माना है कि इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. हालांकि, पार्टी यह भी सोचती है कि बीजेपी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान हासिल किए 182 का आंकड़ा नहीं छू पाएगी. कांग्रेस के एक अंदरूनी सर्वे के मुताबिक, पार्टी दक्षिण में 43, उत्तर के 12 राज्यों में 50, पश्चिम में 20 और पूर्व व पूर्वोत्तर क्षेत्र में 25 सीट हासिल करने में कामयाब रहेगी.

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वोटिंग ट्रेंड को देखते हुए कांग्रेस और आक्रामक हो गई है. पार्टी ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बचे 194 सीटों के लिए कार्यकर्ताओं को जुटाने का फरमान दे दिया है. पार्टी आक्रामकता के साथ प्लान 140 के साथ मैदान पर उतर गई है. उसका मानना है कि ज्यादातर सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच होने वाले सीधे मुकाबले का फायदा उठाते हुए बीजेपी को 190-200 के आंकड़े तक पहुंचने से रोका जा सकता है. शायद यही वजह है कि हाल के दिनों में गांधी परिवार ने नरेंद्र मोदी पर हमले और तीखे कर दिए हैं.

कांग्रेस के इस अनुमान के पीछे दो वजह हैं. उसे लगता है कि बीजेपी का चुनाव प्रचार यूपी और बिहार के जातीय समीकरण को ध्वस्त करने में कामयाब नहीं रहा है. यूपी और बिहार में यादव अब भी मुलायम सिंह यादव व लालू प्रसाद पर अपना भरोसा दिखा रहे हैं. वहीं दलित वोटरों पर मायावती की मजबूत पकड़ बनी हुई है.दूसरी तरफ, मोदी के आक्रामक प्रचार की वजह से मुस्लिम मतदाताओं का ध्रवीकरण हुआ है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल रहा है. कांग्रेस का अनुमान है कि बीजेपी यूपी में 35 और बिहार में 18 से ज्यादा सीटें हासिल नहीं कर पाएगी.

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