जम्मू-कश्मीर में निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित समय पर चुनाव कराने की घोषणा का नेशनल कांफ्रेंस (NC) को छोड़कर मुख्यधारा के सभी राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है. निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा के तुरंत बाद नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा, ‘इस समय चुनाव का हम विरोध करते हैं, क्योंकि हमें लगता है कि चुनाव कराने का यह उपयुक्त समय नहीं है. क्योंकि बाढ़ की विभीषिका से अभी तक लोग उबर नहीं पाए हैं.’
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया है. कांग्रेस ने इसे समय रहते किया गया निर्णय बताया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘राज्य में बाढ़ के बाद की स्थिति से निपटने के लिए नई सरकार के पास अधिक अधिकार होगा. इस तरह की परिस्थिति में पुनर्वास एक विशाल कार्य होता है.’
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में समय पर चुनाव से राज्य के लोगों को उनके त्वरित पुनर्वास के लिए मदद मिलेगी, क्योंकि नई सरकार राहत एवं पुनर्वास कार्यों को नए सिरे से शुरू करेगी.
नेशनल कांफ्रेंस ने साफ कहा कि राज्य के लोगों को चुनाव करना है, एक तरफ तो उनकी परेशानियां हैं, दूसरी तरफ राजनीति व चुनाव हैं. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्यवश लोगों के मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस कमजोर पड़ गई, क्योंकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा अन्य पार्टियों ने लोगों की जगह सत्ता को महत्व दिया.’
सागर ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अपने विवेक से राज्य में चुनाव की तिथियों की घोषणा की. नेशनल कांफ्रेंस आपस में विचार करने के बाद आगे की कार्रवाई तय करेगी. उन्होंने कहा, ‘चूंकि नेशनल कांफ्रेंस हमेशा लोकतंत्र की वकालत करती रही है, इसलिए वह चुनाव में हिस्सा लेगी.’
कश्मीरी अलगाववादी पहले ही चुनाव के बहिष्कार का आह्वान कर चुके हैं. वहीं मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. संपत द्वारा चुनाव की घोषणा के बाद मुख्यधारा की पार्टियों ने चुनाव अभियान के लिए कमर कस ली है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य महासचिव युसूफ तरिगामी ने कहा, ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया हर स्थिति के लिए एकमात्र विकल्प है. हम जम्मू-कश्मीर के लोग बाढ़ की वजह से इस वक्त बेहद कठिन परिस्थितयों से गुजर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘लोगों को एक नेतृत्व चुनने की जरूरत है, जो राहत एवं पुनर्वास कर सके और इसके लिए चुनाव का समय पर होना जरूरी है. निर्वाचन आयोग के निर्णय का हम स्वागत करते हैं.’
जम्मू-कश्मीर में 25 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में विधानसभा चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव का यह सही समय नहीं है, क्योंकि राज्य विनाशकारी बाढ़ के बाद की स्थितियों से निपट रहा है.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम
जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव पांच चरणों में यानी 25 नवंबर, 2 दिसंबर, 9 दिसंबर, 14 दिसंबर तथा 20 दिसंबर को होंगे.
25 नवंबर को प्रथम चरण में इन 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे:
गुरेज, बांदीपोरा, सोनवारी, कांगन, गांदरबल, नोबरा, लेह, कारगिल, जांस्कर, किश्तवाड़, इंदरवल, डोडा, भंद्रवाह, रामबन (अनुसूचित जाति) तथा बनिहाल.
2 दिसंबर को दूसरे चरण में इन 18 विधानसभा सीटों के लिए होगा मतदान:
गुलबर्गा, रेयासी, गुल अरनास, उधमपुर, चेनानी (अनुसूचित जाति), रामनगर, सूरनकोट, मेंढर, पुंछ हवेली, करनाह, कुपवाड़ा, लोलाब, हंदवारा, लंगेट, नूराबाद, कुलगाम, होम-शालिबाग तथा देवसर.
9 दिसंबर को तीसरे चरण में इन 16 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे:
उरी, रफीबाद, सोपोर, संग्रामा, बारामूला, गुलमर्ग, पट्टन, चंदूरा, बडगाम, बीरवाह, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ, त्राल, पंपोर, पुलवामा तथा राजपोरा.
14 दिसंबर को चौथे चरण में इन 18 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे:
हजरतबल, जादिबल, ईदगाह, खानयार, हब्बाकादल, अमीराकादल, सोनावर, बटमालू, अनंतनाग, डोरू, कोकरनाग, शंगूस, बिजबेहरा, पहलगाम, वाची, शोपियां, सांबा (अनुसूचित जाति) तथा विजयपुर.
20 दिसंबर को पांचवें चरण में इन 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे:
बनी, बासोहली, कठुआ, बिल्लावर, हीरानगर (अनुसूचित जाति), नगरोता, गांधीनगर, जम्मू पूर्व, जम्मू पश्चिम, बिशनाह, आर.एस.पुरा (अनुसूचित जाति), सुहेतगढ़, मारह, रायपुर डोमाना (अनुसूचित जाति), अखनूर, चंबा (अनुसूचित जाति), नौशेरा, डरहाल, राजौरी तथा कालकोट.
-इनपुट भाषा और IANS से