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सबसे बड़ी हार के बाद कांग्रेस की माथापच्‍ची, सोनिया होंगी नेता विपक्ष!

लोकसभा चुनाव में अब तक की हुई सबसे बुरी हार के बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक सोमवार को यहां होने जा रही है. पार्टी के सीनियर नेता कमलनाथ अपनी वरिष्‍ठता के बूते 'प्रोटेम स्‍पीकर' होंगे.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

लोकसभा चुनाव में अब तक की हुई सबसे बुरी हार के बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक सोमवार को यहां होने जा रही है. पार्टी के सीनियर नेता कमलनाथ अपनी वरिष्‍ठता के बूते 'प्रोटेम स्‍पीकर' होंगे. सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी विपक्ष की नेता होंगी. हालांकि, इस बारे में फैसला कार्यसमिति की बैठक के बाद लिया जाएगा.

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बैठक पार्टी में नई जान फूंकने के लिए ठोस कदम उठाने के मकसद से कांग्रेस के भीतर से उठ रही आवाज के बीच होने वाली है. हालांकि किसी ने राहुल गांधी पर प्रत्यक्ष रूप से उंगली नहीं उठाई लेकिन उनके मुख्य सलाहकारों जयराम रमेश, मोहन गोपाल, मधुसूदन मिस्त्री और मोहन प्रकाश पर सवाल उठ सकते हैं.

ऐसे में जबकि पार्टी अपने बेहद खराब प्रदर्शन के कारण खोज रही है, वरिष्ठ मंत्री कमलनाथ ने वंशवाद की राजनीति पर पहले ही सतर्क किया है और उनका मानना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को और स्पष्टवादी होना चाहिए था और संवाद एक बड़ी समस्या रही है. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पूरी तरह संवादहीनता को लेकर बैठक में कई केन्द्रीय मंत्रियों को भी पार्टी नेताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ सकता है.

चूंकि कई केन्द्रीय मंत्रियों ने भारी अंतर से अपनी सीटें गंवाईं हैं, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मंत्रियों की पूर्ण संवादहीनता थी और दल के इस खराब प्रदर्शन के लिए उनके अहंकार को दोष दिया जाना चाहिए.

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इस्‍तीफा नहीं देंगे सोनिया, राहुल
जहां पार्टी सूत्रों ने उन खबरों का खंडन किया है कि चुनाव में करारी हार के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने की पेशकश कर सकते हैं वहीं, बैठक में कुछ नेता पार्टी के चुनाव प्रचार और गठबंधन रणनीति के बारे में असहज सवाल उठा सकते हैं. राहुल गांधी के कामकाज की शैली के बारे में भी सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन इस बात पर संदेह है कि कोई भी सोनिया की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाने का साहस करेगा.

राहुल को दोषारोपण से बचाने के लिए पार्टी में पहले ही कवायद शुरू हो चुकी है. सोनिया और राहुल शुक्रवार को मीडिया के समक्ष उपस्थित हुए और पार्टी की करारी हार के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी ली. गौरतलब है कि 16 वीं लोकसभा में 543 सदस्यीय लोकसभा में कांग्रेस महज 44 सीटों पर सिमट गई है. निवर्तमान लोकसभा में उसे 206 सीटें मिली थीं. पार्टी नेताओं की ओर से मांग है कि हार के कारणों का पता लगाने के लिए समिति गठित करने और फिर उसे भूल जाने की परंपरा इस बार नहीं दोहराई जानी चाहिए.

हार के लिए जिम्‍मेदार पर कार्रवाई
पार्टी के एक नेता ने कहा कि इस बार जवाबदेही साफ तौर पर तय की जानी चाहिए और जहां भी कोई उसके लिए जिम्मेदार है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. सीडब्ल्यूसी में विशेष आमंत्रित सदस्य अनिल शास्त्री ने अपने ट्वीट में लिखा है, गंभीर आत्ममंथन की जरूरत है लेकिन निश्चित तौर पर पहले की तरह नहीं जिसमें आत्ममंथन से निकले सुझावों को कभी लागू नहीं किया गया. ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने क्या गलतियां हुई हैं और पार्टी को पटरी पर लाने के लिए क्या किया जाना चाहिए इस बारे में कांग्रेस उपाध्यक्ष को एक रूखा पत्र भेजा है.

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पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही लगातार कह रहे हैं कि पार्टी को गंभीर आत्ममंथन करने और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है ताकि पार्टी के प्रति अधिक आस्था नहीं रखने वाले लोगों को टिकट मिलने और इस प्रक्रिया में पार्टी के पुराने वफादारों की अनदेखी जैसी समस्याओं पर अंकुश लगाया जा सके.

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