लोकसभा चुनाव में अब तक की हुई सबसे बुरी हार के बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक सोमवार को होने जा रही है. यह बैठक पार्टी में नई जान फूंकने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए पार्टी के भीतर से उठ रही आवाज के बीच होने वाली है.
जहां पार्टी सूत्रों ने उन खबरों का खंडन किया है कि चुनाव में करारी हार के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने की पेशकश कर सकते हैं. वहीं, बैठक में कुछ नेता पार्टी के चुनाव प्रचार और गठबंधन रणनीति के बारे में असहज सवाल उठा सकते हैं.
राहुल गांधी के कामकाज की शैली के बारे में भी सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन इस बात पर संदेह है कि कोई भी सोनिया की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाने का साहस करेगा.
राहुल को दोषारोपण से बचाने के लिए पार्टी में पहले ही कवायद शुरू हो चुकी है. सोनिया और राहुल शुक्रवार को मीडिया के समक्ष उपस्थित हुए और पार्टी की करारी हार के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी ली.
गौरतलब है कि 16वीं लोकसभा में 543 सदस्यीय लोकसभा में कांग्रेस महज 44 सीटों पर सिमट गई है. निवर्तमान लोकसभा में उसे 206 सीटें मिली थीं.
पार्टी नेताओं की ओर से मांग है कि हार के कारणों का पता लगाने के लिए समिति गठित करने और फिर उसे भूल जाने की परंपरा इस बार नहीं दोहराई जानी चाहिए.
पार्टी के एक नेता ने कहा कि इस बार जवाबदेही साफ तौर पर तय की जानी चाहिए और जहां भी कोई उसके लिए जिम्मेदार है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
सीडब्ल्यूसी में विशेष आमंत्रित सदस्य अनिल शास्त्री ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘गंभीर आत्ममंथन की जरूरत है लेकिन निश्चित तौर पर पहले की तरह नहीं जिसमें आत्ममंथन से निकले सुझावों को कभी लागू नहीं किया गया.’