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लोकसभा चुनाव पूरे होने तक दारुल उलूम में नेताओं की एंट्री बैन, सियासतदान मायूस

दुनियाभर में इस्लामी शिक्षा के लिए मश्हूर दारुल उलूम में पहुंचकर हर राजनेता इस बात से जरूर आश्वस्त हो जाया करता था कि उसने मुसलमानों के थोक वोटों का इंतजाम कर लिया है. लेकिन इस बार उन सभी राजनेताओं के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

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दारूल उलूम देवबंद
दारूल उलूम देवबंद

दुनियाभर में इस्लामी शिक्षा के लिए मशहूर दारुल उलूम में पहुंचकर हर राजनेता इस बात से जरूर आश्वस्त हो जाना चाहता है कि उसने मुसलमानों के थोक वोटों का इंतजाम कर लिया है. लेकिन इस बार उन सभी राजनेताओं के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

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सहारनपुर जिले के देवबंद शहर में मौजूद दारुल उलूम ने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने तक उलमा से मुलाकात के लिए आने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं की एंट्री पर रोक लगा दी है. अब तक चुनावों के नजदीक आते ही तमाम राजनीतिक दलों के नेता देवबंद आकर दारुल उलूम की परिक्रमा करते रहे थे. लेकिन इस नए फरमान से इन नेताओं को मायूसी हाथ लगेगी.

पिछले चुनावों में दारुल उलूम में हाजिरी देने वालों में राहुल गांधी, मुलायम सिंह, यादव, लालू यादव, मायावती, आजम खान, रामविलास पासवान,और नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे कद्दावर नेताओं के नाम शुमार हैं. दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर कोई भी नेता यहां दुआ करने या किसी दूसरे बहाने से संस्था में आने की कोशिश करेगा, तो कोई उलमा उससे मुलाकात नहीं करेगा.

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