अपनी सादगी और संयम के लिए पहचाने जाने वाले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के पीछे रणनीतिक गलतियों का हवाला दिया है. यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को इन गलतियों से सीख लेनी चाहिए.
बतौर रक्षा मंत्री अपने कार्यकाल का एक साल पूरा करने वाले पर्रिकर ने मंगलवार को अपने शहर गोवा में 'आज तक' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, 'बिहार में चुनाव के दौरान हमसे जो रणनीतिक गलतियां हुई हैं, हमें उनसे सीखना चाहिए. हमारी सरकार को बिहार में जीत को लेकर भरोसा था. हार-जीत होती रहती है. लेकिन जीतने से ज्यादा ऊपर नहीं चढ़ना चाहिए और न ही हार से ज्यादा नीचे ही जाना चाहिए.'
बिहार चुनाव में बीजेपी की हार पर मनोहर पर्रिकर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अंदरखाने पार्टी ने सीधे शब्दों में अपने नेताओं और मंत्रियों को इस ओर चुप रहने की सलाह दी है. बताया जाता है कि पार्टी ने सभी वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, मंत्रियों से कहा है कि वह चुनाव नतीजों को लेकर कहीं कोई बयानबाजी न करें. बीजेपी चाहती है कि इस ओर सिर्फ पार्टी प्रवक्ता ही सवालों का जवाब दें.
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'OROP को लेकर हो रहा झूठा प्रचार'
दूसरी ओर, रक्षा मंत्री ने अपने एक साल के कार्यकाल में 'वन रैंक वन पेंशन' को सबसे बड़ी उपलब्धि माना है. उन्होंने कहा, 'वन रैंक वन पेंशन मेरे एक साल के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है. हालांकि कुछ लोग ओआरओपी में वीआरएस के बारे झूठा प्रचार कर रहे हैं.' मनोहर पर्रिकर ने कहा कि जो लोग ओआरओपी के विरोध में अपने मेडल वापस कर रहे हैं वे सेना के अनुशासन के खिलाफ काम कर रहे हैं.
रक्षा मंत्री ने बिहार में हार के पीछे ओआरओपी पर विवाद के असर को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा, 'ओआरओपी का बिहार पर कोई असर नहीं था. ज्यादातर भूतपूर्व सैनिक हमारे साथ हैं.'