ज्यों-ज्यों दिल्ली चुनाव की तारीख पास आती जा रही है, त्यों-त्यों सियासत का पारा ऊपर चढ़ता जा रहा है. वोटरों के सामने इस बार ऐसे दमदार विकल्प मौजूद हैं, जिससे वह कोई भी फैसला काफी सोच-समझकर ही करना चाहेगा. वैसे भी चुनाव में बेहतर उम्मीदवारों की मौजूदगी लोकतंत्र और पूरे देश को ज्यादा कामयाबी की ओर ले जाती है.
हमने बीते दिनों ऐसी रिपोर्ट दी थी कि कोई वोटर अगर कांग्रेस और अजय माकन को वोट दे, तो आखिर किस आधार पर दे. ऐसी कौन-सी बातें हैं, जो वोटरों को कांग्रेस की ओर खींच सकती हैं. मैं अजय माकन को वोट दूंगा, क्योंकि...
इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए यह रिपोर्ट दी जा रही है कि मैं कांग्रेस और अजय माकन को वोट नहीं दूंगा, क्योंकि...
1. माकन के दोनों प्रतिद्वंद्वी ज्यादा भरोसेमंद
दिल्ली में बीजेपी की सीएम पद की उम्मीदवार किरण बेदी और AAP की ओर से सीएम पद के दावेदार अरविंद केजरीवाल, अजय माकन की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद हैं. दिल्ली में केजरीवाल की 49 दिनों की सरकार के दौरान भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा. बिजली की दर में कमी की गई. किरण बेदी की छवि भी एक ईमानदार और सख्त प्रशासक की रही है. इस लिहाज से अजय माकन का दावा कमजोर मालूम पड़ता है. मैं किरण बेदी को वोट दूंगा, क्योंकि...
2. कांग्रेस से विकास की उम्मीद नहीं
आजादी के इतने बरसों बाद भी आज देश की जो हालत है, उसे देखकर ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस दिल्ली का विकास कर पाएगी. दूसरी ओर बीजेपी ने विकास का नारा बुलंद करके जनता में उम्मीद जगाई है. AAP के पास भी दिल्ली के विकास का ठोस प्लान है. पब्लिक को ऐसा लगता है कि कांग्रेस विकास की राजनीति करती ही नहीं है. मैं अरविंद केजरीवाल को वोट दूंगा, क्योंकि...
3. कांग्रेस ने बनने दी दिल्ली की खराब छवि
दिल्ली पर सबसे लंबे वक्त तक राज करने वाली कांग्रेस ने राजधानी का जो हाल बनाकर छोड़ा है, वह दुखदायी है. दिल्ली के बीचोंबीच अनगिनत संख्या में स्लम, लचर ड्रेनेज सिस्टम, सड़कों पर जहां-तहां गंदगी का अंबार- यही दुनिया में दिल्ली की पहचान बन गई है. दिल्ली की गिनती दुनिया की सबसे गंदी कुछेक राजधानियों में होती है. दूसरी ओर BJP की मोदी सरकार ने 'स्वच्छ भारत मिशन' चलाकर दिल्ली की भी दशा बदलने की कोशिश की है. कांग्रेस उम्मीदवार यहां भी मात खा जाते हैं.
4. सियासी सिस्टम कैसे सुधारेंगे माकन?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि अजय माकन सियासी सिस्टम किस तरह सुधारेंगे? माकन पुराने राजनीतिक सांचे में ढले हुए नेता हैं. अगर वे सिस्टम में सुधार के लिए कोई बड़ा कदम उठाना चाहेंगे, तो क्या कांग्रेस आलाकमान से उन्हें इस बात की इजाजत मिल जाएगी? कांग्रेस में अंदरूनी डेमोक्रेसी की हालत जनता से छिपी नहीं है.
5. आंदोलन से माकन का नाता नहीं
देश के लचर सिस्टम और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से अजय माकन या उनकी पार्टी का कोई जुड़ाव नहीं है. अगर कोई कनेक्शन है, तो बस इतना कि आंदोलन के वक्त केंद्र और दिल्ली, दोनों ही जगह कांग्रेस की ही सरकार थी. दूसरी ओर केजरीवाल और किरण बेदी, दोनों ही अन्ना आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं. ऐसे में ये दोनों उम्मीदवार माकन पर भारी ठहरते हैं. मैं अरविंद केजरीवाल को वोट नहीं करूंगा, क्योंकि...
6. युवा की नजर में केजरीवाल व बेदी आदर्श
आज की युवा पीढ़ी अजय माकन की बजाए अरविंद केजरीवाल या किरण बेदी को ही अपना आदर्श मानना पसंद करेगी. कम वक्त में ही ढेर सारी चुनौतियों का सामना शानदार तरीके से करके उन दोनों ने युवा वर्ग के सामने बेजोड़ मिसाल पेश की है. फिर माकन को कैसे मिले वोट?
7. जनता बदलाव चाहती है
कांग्रेस के लंबे शासन के बाद AAP की सरकार बनी, जो अपनी मियाद पूरी नहीं कर सकी. महज दो महीनों में जनता को AAP को ठीक तरह से परखने का मौका ही नहीं मिला. दिल्ली की जनता ने 15 साल से बीजेपी की सरकार नहीं देखी है. ऐसे में पब्लिक कांग्रेस को छोड़कर किसी और पार्टी को ही आजमाना चाहेगी. मैं किरण बेदी को वोट नहीं दूंगा, क्योंकि...
8. कांग्रेस ने मौके को नहीं भुनाया
दिल्ली की जनता ने कांग्रेस को भरपूर मौका दिया, पर पार्टी उसे भुनाने में नाकाम रही है. लोगों के बीच एक बड़ा सवाल यह भी है कि कांग्रेस को एक और चांस मिलने पर कहीं इस मौके को गंवा तो नहीं देगी.
9. कांग्रेस के लिए 'दाग' धोना मुश्किल
कांग्रेस राज में कॉमनवेल्थ गेम्स समेत भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए. ऐसे में जनता के बीच कांग्रेस की निगेटिव इमेज बन गई है. इसका फायदा बीजेपी और AAP को मिल सकता है.
10. महंगाई से निजात चाहती है जनता
पब्लिक महंगाई से छुटकारा चाहती है. केंद्र की बीजेपी सरकार ने इस दिशा में बेहतर उम्मीद पैदा की है. AAP भी जनता की परेशानियों को समझती है. ऐसा देखा गया है कि जब-जब कांग्रेस की सरकार बनती है, महंगाई का ग्राफ ऊपर चला जाता है. परेशान जनता बार-बार कांग्रेस से सवाल पूछती है, 'ये क्या हाल बना रखा है?'...अपना और पूरे देश का.