अगर दिल्ली में विधानसभा चुनावों
का एलान होता है तो इसे जम्मू कश्मीर और झारखंड के चुनावों के साथ कराया
जा सकता है. सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग के सामने एक और विकल्प है कि दिल्ली में चुनाव जनवरी के
आखिर या फरवरी के पहले हफ्ते में कराए जाएं.
हालांकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना अब तय है. राष्ट्रपति ने दिल्ली विधानसभा भंग करने की उपराज्यपाल नजीब जंग की सिफारिश मंजूर कर ली है. राष्ट्रपति ने एलजी का प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया है. प्रस्ताव पर विचार के लिए दोपहर एक बजे मोदी मंत्रिमंडल की बैठक होनी है.
दिल्ली के मौजूदा सियासी हालात पर राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट में उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में सरकार बनाने से सभी दलों ने मना कर दिया है. एली ने सभी पार्टियों से मुलाकात के बाद कहा कि किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया और सभी चुनाव चाहते हैं. अगर दिल्ली विधानसभा भंग कर दी जाती है तो फिर 25 नवंबर को दिल्ली की 3 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव भी रद्द हो जाएंगे.
माना जा रहा है कि अगर दिल्ली में विधानसभा चुनावों का एलान होता है तो इसे जम्मू कश्मीर और झारखंड के चुनावों के साथ कराया जा सकता है. आयोग के सामने एक और विकल्प कि दिल्ली में चुनाव जनवरी के आखिर या फरवरी के पहले हफ्ते में चुनाव कराए जाएं. इस पर आखिरी फैसला चुनाव आयोग करेगा लेकिन इससे पहले दिल्ली चुनाव आयोग की ओर से संभावित तारीखों की सूची उसके पास भेजी जाएगी और माना जा रहा है कि ये सूची जल्द ही भेजी जा सकती है. सूत्रों ने संकेत दिया है कि दूसरा विकल्प आयोग के लिए ज्यादा उपयुक्त है.
सोमवार को एलजी ने सबसे पहले बीजेपी को बुलावा भेजा था और बीजेपी नेता जगदीश मुखी ने नजीब जंग से मुलाकात में सरकार बनाने से इनकार किया. बाद में नजीब जंग से मुलाकात में कांग्रेस नेता हारुन यूसुफ ने भी दिल्ली में चुनाव की इच्छा जताई. सबसे आखिर में अरविंद केजरीवाल ने एलजी से मुलाकात की और दिल्ली में चुनाव कराए जाने की बात कही.