चुनाव आयोग शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान कर सकता है. शुक्रवार को आयोग की बैठक होने वाली है. सूत्रों ने बताया कि चुनाव के कार्यक्रम को बनाते वक्त एनुअल एग्जाम्स को ध्यान में रखा जाएगा. संभावना है कि फरवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह में चुनाव कराए जाएं. गौरतलब है कि मार्च में सीबीएसई के एग्जाम होने हैं, जिसकी वजह से फरवरी के मध्य में ही चुनाव कराना ज्यादा उपयुक्त माना जा रहा है.
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दिल्ली चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच माना जा रहा है. 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में दिल्ली में आप ने 28 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी 31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इसके बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कांग्रेस के समर्थन से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. हालांकि लोकपाल के मुद्दे पर मतभेद के कारण केजरीवाल ने सिर्फ 49 दिनों के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद मई 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो इसमें बीजेपी ने सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया. पार्टी ने क्लीन स्वीप कर सभी सात लोकसभा सीटें जीत ली थीं.
इस बीच चुनाव के एलान से पहले दिल्ली में नए सियासी समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने संकेत दिए कि अगले चुनाव में किसी को भी बहुमत नहीं मिलने पर पार्टी आम आदमी पार्टी को समर्थन देने पर विचार कर सकती है. हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने द्वीट करके कटाक्ष किया है कि शीला दीक्षित के बयान का मतलब ये है कि कांग्रेस पहले से ही हार मान चुकी है.