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रामलीला मैदान से बोले CM अरविंद केजरीवाल, सबको साथ लेकर बनाएंगे भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली

14 फरवरी 2015 यानी शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वे दूसरी बार दिल्ली के सीएम बने हैं. शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के बाद उन्होंने रामलीला मैदान में मौजूद हजारों समर्थकों को संबोधित किया.

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14 फरवरी 2015 यानी शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वे दूसरी बार दिल्ली के सीएम बने हैं. शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के बाद उन्होंने रामलीला मैदान में मौजूद हजारों समर्थकों को संबोधित किया.

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मां का आशीर्वाद लेकर दिल्ली संवारने निकले अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल का पूरा भाषण

भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद, वंदे मातरम,
मेरे प्यारे बहनों, भाइयों, माताओं, बुजुर्गों, बच्चों

आम आदमी की सरकार में आम आदमी का जश्न

आज आप लोग इतनी भारी संख्या में यहां पर इकट्ठा हुए, इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया. आज से पूरे एक साल पहले 14 फरवरी 2014 को हम लोगों ने इस्तीफा दिया था. और आज पूरे एक साल के बाद फिर से दिल्ली के अंदर आम आदमी की सरकार बनने जा रही है. आम आदमी की सरकार बनी है. फर्क सिर्फ इतना है कि पिछली बार कुछ कमी रह गई थी, आठ सीटों की कमी रह गई थी. इस बार दिल्ली की जनता ने और ऊपर वाले ने वो कमी पूरी कर दी और इस बार पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली के अंदर आम आदमी की सरकार बनने जा रही है.

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अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण के बाद जो जुमले होंगे हिट

हमें सबने वोट दिया
दोस्तों, मुझे ये तो पता था कि दिल्ली के लोग हमें प्यार करते हैं. लेकिन ये नहीं पता था कि इतना प्यार करते हैं. 70 में से 67 सीटें. दोस्तों, जिस दिन नतीजे आ रहे थे ऐसे लग रहा था कि जैसे सीटों की बारिश हो रही है. हर धरम के लोगों ने आम आदमी को वोट दिया. हिंदुओं ने वोट दिया. मुसलमानों ने वोट दिया, ईसाइयों, सिखों, जैनियों ने वोट दिया. हर जाति के लोगों ने वोट दिया. गरीबों ने खूब जमकर वोट दिया. अमीरों ने भी वोट दिया. 70 में से 67 सीटें. ये किसी इंसान के काम की वजह से नहीं हो सकता. ये तो कुदरती करिश्मा है दोस्तों. ऊपर वाला कुछ कहने की कोशिश कर रहा है. हमें ये समझना होगा कि ऊपर वाले की मंशा क्या है.

अहंकार से बचना होगा
दोस्तों, ऊपरवाला कोई बहुत बड़ा काम करना चाह रहा है. कोई बहुत बड़ी मंशा है. हम तो केवल निमित्त मात्र हैं. माध्यम हैं. लेकिन हम बहुत सौभाग्यशाली हैं कि ऊपर वाले ने हमें अपना माध्यम चुना. लेकिन दोस्तों, जब इतनी बड़ी जीत मिलती है. इतनी बड़ी सफलता मिलती है. तब अहंकार जागता है. और यह सब कुछ खत्म कर देता है. इसलिए हम सब लोगों को, मुझे, हमारे मंत्रियों को. हमारे सभी विधायकों को. हम सबके परिवारों को, हम सब कार्यकर्ताओं को. सबको बहुत चौकन्ना रहना होगा. बार-बार अपने आप को टटोलना होगा कि कहीं हमारे अंदर अहंकार तो नहीं जाग गया. क्योंकि अगर अहंकार जाग गया तो हम कभी अपना मिशन पूरा नहीं कर पाएंगे.

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बीजेपी और कांग्रेस अंहकार के कारण हारी
अभी पिछले कुछ दिनों से मैं टीवी पर सुन रहा हूं कि हमारे कुछ लोग कह रहे हैं कि अब हम यहां का भी चुनाव लड़ेंगे. हम वहां का भी चुनाव लड़ेंगे. पांच राज्यों का लड़ेंगे. दस का लड़ेंगे. इसमें थोड़ा थोड़ा अहंकार नजर आ रहा है. मुझे लगता है कि ये ठीक नहीं है. कांग्रेस को लोगों ने क्यों हराया था. क्योंकि उसके अंदर अहंकार आ गया. वही बीजेपी, जिसे मई के महीने में लोगों ने इतना भारी बहुमत दिया. आज उसे क्यों हराया लोगों ने. क्योंकि बीजेपी के अंदर अहंकार आ गया. पिछले साल हम लोगों को 28 सीटें मिलीं. लेकिन शायद कहीं न कहीं, हमारी पार्टी के अंदर भी अहंकार आ गया. हमने तय किया कि पूरे देश के अंदर चुनाव लड़ेंगे. भगवान ने हमें सजा दी. लोकसभा में जो हुआ, हमें पता चल गया. उससे हमें सबक लेना चाहिए. अहंकार नहीं करना चाहिए. मैंने तय किया है. भगवान ने मुझे आदेश दिया है. दिल्ली की जनता ने मुझे आदेश और प्यार दिया है. विश्वास किया है. मैं पांच साल तक दिल्ली में रहकर केवल और केवल दिल्ली की जनता की सेवा करूंगा और अपनी जिम्मेदारी को पूरे तन मन धन के साथ निभाने की कोशिश करूंगा.

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AAP वाले गुंडागर्दी करें तो उन्हें सजा दो
मेरे पास कुछ लोग आए. डॉक्टर्स आए. उन्होंने कहा जी, कभी कभी टोपी पहनकर कुछ लोग आते हैं और हमारे अस्पताल में गुंडागर्दी करते हैं. मेरा एक निवेदन है. मुझे पूरा यकीन है कि हमारे कार्यकर्ता कभी ऐसा नहीं कर सकते. हमारे कार्यकर्ताओं ने अपनी नौकरियां छोड़छोड़कर परिवार का त्याग कर बड़ी कुर्बानियां दी हैं. लेकिन फिर भी हो सकता है कि कुछ विपक्षी लोग हमारी टोपियों पहनकर हमें बदनाम करने की कोशिश करें. लेकिन कोई भी हो, चाहे हमारा कार्यकर्ता या कोई दूसरा हमारी टोपी पहनकर गलत काम करता है. मैं आज यहां सभी अधिकारियों को, सभी पुलिसवालों को ये निर्देश देना चाहता हूं कि अगर कोई टोपी पहनकर गुंडागर्दी करे तो उसे बख्शना मत. उसे जेल में डाल देना. वो आम आदमी पार्टी का हो ही नहीं सकता.जितनी सजा कानून में लिखी है, उससे दोगुनी सजा देना.

दिल्ली को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना है
दोस्तों अन्ना आंदोलन के दौरान हम खूब नारे लगाते थे. भ्रष्टाचार मुक्त भारत. मगर मन के एक कोने में संशय होता था. ऐसा हो सकता है क्या. हम लोकपाल बिल की मांग करते थे. मन में आता था कि यह बिल आ गया तो क्या सारा करप्शन खत्म हो जाएगा. 49 दिनों की सरकार बनी. हमारे कट्टर विरोधी भी मानते हैं कि उन दिनों में दिल्ली से रिश्वतखोरी भी खत्म हो गई थी. पिछली बार सरकार बनाने से पहले हमारे अंदर जज्बा था जुनून था, पागलपन था. कि देश से करप्शन खत्म करके रहेंगे. आज हमारे अंदर यकीन है कि पांच साल के अंदर दिल्ली से भ्रष्टाचार मुक्त करके दिखा देंगे. इसे भारत का पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाना है. और हम ये कर सकते हैं.

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रिश्वत मांगे तो सेटिंग कर लेना
इसके लिए मैं वही घोषणा करने जा रहा हूं जो 28 दिसंबर 2013 को थी. कोई आपसे रिश्वत मांगे तो मना मत करना. सेटिंग कर लेना. जेब में हाथ डालना. अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लेना. मुझे लाकर दे देना. हम उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे. इसके लिए हम जल्दी से जल्दी वही टेलीफोन लाइन शुरू करने वाले हैं. जिस टेलीफोन लाइन से 49 दिनों की सरकार के दौरान भ्रष्टाचारी घबराने लगे थे. और दूसरा, जिसके लिए अन्ना हजारे जी ने और हम सबने इसी रामलीला मैदान में इतना बड़ा आंदोलन किया था. जनलोकपाल बिल. इसे पास करना भी बहुत जरूरी है. जल्द से जल्द ऐसा करेंगे. लेकिन मैं मीडिया के साथियों से हाथ जोड़ गुजारिश करना चाहता हूं. गाड़ी से उतरता हूं तो माइक लगा देते हैं. कितने दिनों में करोगे. इतने घंटों में या उतने दिनों में.

मीडिया थोड़ा सब्र रखे
जी सरकार ऐसे नहीं चलती. दूसरी पार्टियों ने तो 65 साल में नहीं किया. हम उनसे बहुत पहले करेंगे. एक एक काम ठोस करेंगे. इतना वादा करता हूं कि 24 घंटे काम करेगी हमारी पूरी टीम. मैं, मेरे मंत्री, मेरे एमएलए 24-24 घंटे काम करेंगे. अभी तो मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ली थी. जैसे ही नतीजे आए, हम काम पर लग गए. मुझे बुखार था. आज भी क्रोसीन खाकर आया हूं.

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लेकिन अपने तन मन धन की परवाह किए बिना हम काम करेंगे. लेकिन मीडिया के साथियों से यही अनुरोध है कि घंटों से सरकार मत चलाइएगा. दिल्ली की जनता ने पांच साल दिए हैं.

सांप्रदायिक राजनीति नहीं चलेगी
दोस्तों. पिछले कुछ महीनों में दिल्ली के अंदर कुछ घटनाएं घटीं. जिससे सारी दिल्ली के लोग बहुत नाराज हैं. गुस्से में हैं. धर्मों के बीच में कुछ दंगे कराने की कोशिश की गई है. कुछ चर्च. एक चर्च को आग लगा दी गई है. कुछ चर्च, जिनके ऊपर हमले किए गए. दिल्ली के लोग शांतिप्रिय हैं. पिछले 35 साल में इस तरह की घटनाएं नहीं देखी. दिल्ली के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसी दिल्ली के लोग सर्वधर्मसदभाव से हर त्योहार, दिवाली, ईद, क्रिसमस मनाते हैं. हम सब भाईचारे के साथ रहना चाहते हैं. उन सारी ताकतों से मैं कहना चाहता हूं जो इस किसम की राजनीति कर रहे हैं कि इसे बंद कीजिए. दिल्ली के लोग इसे नहीं सहेंगे.

हालांकि दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर दिल्ली सरकार के अंदर में नहीं आती है. फिर भी मुझे पूरा भरोसा कि हम दिल्ली को ऐसा शहर बनाएंगे, जहां हर धर्म का आदमी अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके.

मैं अभी प्रधानमंत्री जी से भी मिलने गया था. उन्हें भी हमने यही कहा कि हम केंद्र सरकार के साथ सकारात्मक सहयोग चाहते हैं. हम केंद्र सरकार के हर अच्छे काम में सहयोग देंगे. हम यही चाहते हैं कि केंद्र सरकार हमारे साथ मिलकर दिल्ली को अच्छा और बेहतर शहर बनाने की कोशिश करे.

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दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाएंगे
पिछले 15 साल से बीजेपी ने अपने चुनाव के हर मेनिफेस्टो में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही है. पार्टी इसके लिए लड़ती रही. लोकसभा चुनाव के पहले भी बीजेपी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था. मैंने पीएम जी को यही कहा. भगवान इससे सुनहरा मौका नहीं दे सकता. दिल्ली में हमारा पूर्ण बहुमत. केंद्र में आपका पूर्ण बहुमत. हम दोनों मिलकर मान लें तो पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा. मैं तैयार हूं. मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री भी इस पर सकारात्मक सोचेंगे.

मैंने उनसे कहा कि आपके ऊपर पूरे देश का काम है. विदेश भी जाना होता है. तो दिल्ली में जब अपराध होते हैं, तब पीएम के पास इतना समय नहीं होता कि वह दिल्ली को समय दे सकें. मैंने उनसे निवेदन किया कि दिल्ली चलाने वालों की जिम्मेदारी दिल्ली वालों पर छोड़ दीजिए. आप पूरे देश को चलाइए.

दोस्तों. ये आम आदमी की सरकार सबकी सरकार है. चाहे आपने हमें वोट दिया या नहीं दिया. मैं आप सबका मुख्यमंत्री हूं. उन तीनों विधानसभाओं, जहां आप के विधायक नहीं है. उन्हें भी अपना मानता हूं. हम उस तरह की राजनीति नहीं करेंगे. मैंने देखा कि कुछ पार्टियों एनालिसिस करती हैं. इस बूथ से वोट नहीं आए. हमारे लिए पूरी दिल्ली बूथ है.

दिल खोलकर टैक्स दें व्यापारी
दो शब्द व्यापारियों के लिए. दिल्ली के व्य़ापारियों ने बहुत सहयोग दिया. सरकार चलाने के लिए पैसा चाहिए. दिल्ली के सभी व्यापारियों से वादा करता हूं. कोई भी विभाग आपको तंग नहीं करेगा. आप खुलकर अपना बिजनेस करो. हम चाहते हैं कि उद्योग व्यापार बढ़े. लेकिन सब लोग अपनी इच्छा से पूरा पूरा टैक्स भर देना. मैं वादा करता हूं. अभी आपका टैक्स चोरी हो जाता था. अब मैं आपके टैक्स की एक एक पाई चोरी नहीं होने दूंगा. इस पैसे को आपके बच्चों की शिक्षा. अस्पताल, सड़कें, मार्केट, पार्किंग के लिए इस्तेमाल करेंगे. महिलाओं को सुरक्षा देंगे. बिजली पानी देंगे. एक भी पैसा चोरी नहीं. इसलिए दिल खोलकर टैक्स दीजिएगा.

49 दिन में मैंने एक चीज सीखी थी. सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है. पैसा बहुत है जी. नीयत की कमी है. अच्छी नीयत वाले आते हैं, तो इसी पैसे में खूब विकास हो सकता है. जबसे हमें बहुमत मिला है. जगह जगह से फोन आ रहे हैं. किसी ने कहा. आपने 20 कॉलेज के लिए बोला. तीन कॉलेज का पैसा मैं दूंगा. किसी ने कहा, फलानी जगह स्कूल बनवा दो. जमीन मैं दूंगा. किसी ने कहा, एक हजार सीसीटीवी कैमरे मैं दूंगा सरकार के लिए.

VIP कल्चर खत्म करना है
मैंने एक ही चीज सीखी है. इस देश की जनता बहुत अच्छी है. जनता को गले लगा लो. वह विकास खुद ही कर लेगी. हम लोग दिल्ली से एक और नई किस्म की शुरुआत करना चाहते हैं. ये वीआईपी कल्चर खत्म करना चाहते हैं. आप खुद ही बताओ. आपको अच्छा लगता है क्या कि जब सड़क के ऊपर से कोई बड़ा मंत्री जा रहा हो और सारी सड़क एक घंटे के लिए बंद कर दी जाए. सारा ट्रैफिक जाम हो जाए. ये आपको अच्छा लगता है कि कोई मंत्री लाल बत्ती वाली गाड़ी लेकर पूंपूं टूंटूं करता चला जाए.

मुझे पता चला है कि यूरोप के कई विकसित देशों में वहां के प्रधानमंत्री बस स्टैंड पर इंतजार करते मिल जाते हैं. हम ऐसा कल्चर क्यों नहीं ला सकते. समय लगेगा. हमने 49 दिनों में वही शुरुआत की. हमने कहा कि किसी भी मंत्री की गाड़ी के ऊपर लाल बत्ती नहीं लगेगी. लेकिन फिर से मेरा मीडिया के साथियों से अनुरोध है. हम कहते हैं कि हम लाल बत्ती नहीं लेंगे. मीडिया वाले कहते हैं कि देखो, गाड़ी ले ली. बताओ, बिना गाड़ी के मंत्री काम कैसे करेंगे. भावना की कद्र करने की शुरुआत करनी होगी.

देखना तीन दिन बाद शुरू होगा. केजरीवाल बड़े बंगले में चला गया. मुझे महापुरुष ने कहा था कि इंसान कहीं भी पहुंच जाएं. उसे अपनी औकात नहीं भूलना चाहिए. मेरी बहुत छोटी सी औकात है. मेरे घर में चार पांच कमरे हैं. जहां भी जाऊंगा, इससे ज्यादा कमरे क्यों चाहिए. पैर पसारने के लिए. लेकिन एक दफ्तर की तो जरूरत है. वर्ना मुख्यमंत्री काम कैसे करेगा.

आप सब लोग मिलने आओगे तो बैठने की जगह तो चाहिए. इतनी ही जगह लूंगा बस. चिंता मत करो.

सभी लोगों को साथ लेकर काम करेंगे
किरण बेदी जी की मैं बहुत इज्जत करता हूं. (जनता का तेज शोर) चुनावों में जीत हार चलती रहती है. मेरी बड़ी बहन के बराबर हैं. पुलिस प्रशासन में उनका लंबा अनुभव है. किरण बेदी जी को हम साथ लेकर और समय समय पर उनका गाइडेंस लेकर हम काम करेंगे. अजय माकन जी. उनका नीतियां बनाने में, सरकार चलाने में लंबा अनुभव है. उनसे हम समय समय पर सलाह करेंगे. हमें पार्टीबाजी नहीं करनी. चाहे बीजेपी में अच्छे लोग हैं. चाहें कांग्रेस में. चाहे दूसरी पार्टियों में. सब अच्छे लोगों को मिलकर दिल्ली को ऐसा शहर बनाना है कि अमीर और गरीब सब इस पर गर्व कर सकें.

दोस्तों आज मुख्यमंत्री की शपथ मैंने नहीं, आप सबने ली है. दिल्ली का मुख्यमंत्री आज दिल्ली का एक एक नागरिक बना है. आज से आप लोग आजादी की सांस लोगे. जो रिश्वतखोरी चलती थी, वो आज से बंद होगी. मैं ये नहीं कह रहा कि 100 फीसदी बंद होगी. लेकिन धीरे धीरे मुझे उम्मीद है कि 5 साल के अंदर दिल्ली करप्शन फ्री स्टेट बना होगा.

मैं हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करता हूं. कि हे प्रभु हमें सदबुद्धि देना. हमें साहस देना. हमारे मन में कभी लालच पैदा न हो. मन में कभी अहंकार न पैदा हो. सही निर्णय लेने की क्षमता देना. देश के लिए जिस तरह से आज अपना तन मन धन सब कुछ दांव पर लगाए बैठे हैं. उसी जज्बे को बनाए रखना.

दो शब्द कार्यकर्ताओं के लिए. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हीरा हैं. सोना हैं. कई बार उनकी कहानियां सुनकर आंखों में आंसू आ जाते हैं. इन एमएलए को फिर भी शोहरत मिल गई. पद मिल गया. मगर जो लोग नौकरी छोड़े. दुकान बंद करे बैठे हैं. उन्हें क्या मिला. उन्होंने बहुत मेहनत की. उन्होंने केजरीवाल या आम आदमी पार्टी के लिए मेहनत नहीं की. सुनहरी दिल्ली और सुनहरे भारत के लिए की है. एक बार जोरदार तालियां उनके लिए.

मैं उम्मीद करता हूं कि भारत की हमारी टीम जरूर वर्ल्ड कप जीतकर लौटेगी. भारत की टीम को ढेर सारी शुभकामनाएं.

अंत में एक प्रार्थना गाकर सुनाना चाहता हूं. मैं चेतावनी देना चाहता हूं. गाता बहुत खराब हूं और आज तो मेरा गला भी खराब है.लेकिन इसके शब्द बहुत अच्छे हैं. आज जब जाति और धर्म के नाम पर जहर घोलने की कोशिश की जा रही है. तब हमें इसे ठीक करना है.

मैं एक एक लाइन बोलूंगा.

इंसान का इंसान से हो भाईचारा. यही पैगाम हमारा.

 

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