दिल्ली की सियासत पल-पल नई करवटें लेती नजर आ रही है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार बनाएगी या राष्ट्रपति शासन लगेगा, इस बात पर सस्पेंस अभी भी कायम है. AAP ने समर्थन लेने के लिए जिस तरह की शर्तें कांग्रेस और बीजेपी के सामने रखी हैं, उसके बाद यहां राष्ट्रपति शासन लगने के आसार बढ़ गए हैं. हालांकि कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह AAP की करीब 16 शर्तों पर गंभीरता से विचार कर रही है.
उपराज्यपाल से मुलाकात करने के बाद AAP नेता अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके और चिट्ठी लिखकर बीजेपी और कांग्रेस के सामने जो सवाल उठाए हैं, उसके बाद सरकार गठन का मामला पीछे छूटता नजर आ रहा है. शुरुआती प्रतिक्रियाओं में कांग्रेस व बीजेपी, दोनों ने ही AAP पर निशाना साधा. बाद में दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी शकील अहमद ने कहा कि हम एक-दो दिनों में अरविंद केजरीवाल को जवाब भेज देंगे.
दिल्ली में नए चुने गए कांग्रेसी विधायक अरविंदर सिंह लवली और हारुन यूसुफ शनिवार शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. इसके बाद कांग्रेस का रुख और साफ हो सकेगा.
वैसे दिल्ली में अब राष्ट्रपति शासन की संभावना इसलिए ज्यादा है, क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी के लिए AAP की सारी शर्तें मानना नामुमकिन जैसा ही है. समझा जा रहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट शनिवार शाम तक भेजने जा रहे हैं.
सुबह को AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात की. केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पार्टी की तरफ से एक चिट्ठी सौंपी है, जिसमें उन्होंने 10 दिनों का वक्त मांगा है. वक्त देना या न देना उपराज्यपाल के विवेक पर निर्भर है.
सरकार गठन पर संकट के बादल
दिल्ली के उपराज्यपाल और अरविंद केजरीवाल के बीच मुलाकात शनिवार सुबह साढ़े दस बजे हुई, जिसमें केजरीवाल ने उपराज्यपाल को औपचारिक तौर पर पार्टी का जवाब सौंपा. जवाब से ऐसे संकेत मिले हैं कि सरकार गठन का मामला पीेछे छूट सकता है.
केजरीवाल ने सोनिया व राजनाथ को लिखी चिट्ठी
अरविंद केजरीवाल
ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीजेपी
अध्यक्ष राजनाथ सिंह को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में दिल्ली से
जुड़े 17-18 अहम मुद्दों का जिक्र किया गया है, जिस पर कांग्रेस और बीजेपी
से अपना रुख साफ करने को कहा गया है.
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कांग्रेस-बीजेपी की नीयत पर शक
उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें देर रात पता चला कि कांग्रेस ने AAP को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया है. उन्हें कांग्रेस की नीयत पर शक है. केजरीवाल ने कहा कि उन्हें बीजेपी के इरादे भी नेक नहीं नजर आ रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि बीजेपी के लिए 4 सीटें खरीदना कौन-सी बड़ी बात थी?.
कांग्रेस व बीजेपी पर लगेगी तोहमत
दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि सरकार बनाने के पीछे AAP का फॉर्मूला यह है कि वो जनता के बीच ये संदेश भेज सके कि बीजेपी 32 सीट जीतने के बाद भी सरकार बनाने की हिम्मत नहीं कर सकी और AAP ने 28 सीटें जीतने के बावजूद सरकार बनाई. इस तरह अगर आम आदमी पार्टी की सरकार थोड़े ही समय में गिर जाती है, तो जिम्मेदार भी कांग्रेस और बीजेपी ही होंगे.
कांग्रेस ने खेला समर्थन का दांव
उधर कांग्रेस पहले ही सियासी दांव खेल चुकी है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने ताल ठोकी है कि केजरीवाल सरकार बनाएं और जनता से किए गए सारे वायदे पूरा करके दिखाएं.