scorecardresearch
 

दिल्ली में पहली बार वोट डालेंगे तिब्बती

तिब्बती शरणार्थियों के जिन बच्चों का जन्म 1950 और 1987 के बीच हुआ वे पहली बार राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनावों के लिए मत डालने की खातिर मतदाता सूची में नामांकन दर्ज करा सकेंगे.

Advertisement
X
Symbolic Image
Symbolic Image

तिब्बती शरणार्थियों के जिन बच्चों का जन्म 1950 और 1987 के बीच हुआ वे पहली बार राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनावों के लिए मत डालने की खातिर मतदाता सूची में नामांकन दर्ज करा सकेंगे.

Advertisement

उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए. के. श्रीवास्तव ने कहा, ‘दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय को भारत के निर्वाचन आयोग की तरफ से आठ दिसम्बर को जारी आदेश के मुताबिक 1950 और 1987 के बीच जन्मे तिब्बती शरणार्थियों के बच्चे दिल्ली में मतदाता बनने के योग्य हैं.’

आदेश में बताया गया है कि गृह मंत्रालय सिद्धांत रूप में भारत में रहने वाले सभी शरणार्थियों को मतदान का अधिकार देने के खिलाफ है. लेकिन संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों को ऐसे तिब्बती शरणार्थियों का पंजीकरण करने से इनकार नहीं करना चाहिए.

चुनाव आयोग के दिशानिर्देश के मुताबिक जिन तिब्बतियों का 26 जनवरी 1950 के बाद और एक जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्म हुआ है उन्हें वोट डालने का अधिकार है.

कर्नाटक उच्च न्यायालय के अगस्त 2013 के फैसले के बाद यह दिशानिर्देश आया है जिसमें तिब्बती शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता साफ किया गया है.

Advertisement

दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर तिब्बती मजनूं का टीला इलाके में रहते हैं जो चांदनी चौक इलाके में पड़ने वाला सबसे बड़ी तिब्बती बस्तियों में से एक है.

अधिकारियों ने कहा, ‘राजधानी में ऐसे तिब्बतियों की संख्या को लेकर कोई आंकड़ा नहीं है. पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने के बाद ही उनकी नीयत संख्या का पता चल सकेगा.’

इनपुट-भाषा

Advertisement
Advertisement