आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव फंस गए हैं. वह गुड़गांव से चुनाव लड़ रहे हैं. उन पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लग गया है.
बताया जाता है कि यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान एक समाचार पत्र का प्रकाशन और वितरण किया था, जिसे चुनाव आयोग ने पेड न्यूज के दायरे में माना है. अब इस समाचार पत्र की छपाई वगैरह की लागत को उनके चुनाव खर्च में डाला जाएगा.
चुनाव आयोग के डिस्ट्रिक्ट मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) ने पाया है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों द्वारा टेबोलॉयड पत्र आप की क्रांति का बिना रजिस्ट्रेशन के प्रकाशन तथा वितरण चुनावी आचार संहिता का सरासर उल्लंघन है. कमेटी ने इस आधार पर कानूनी कारर्वाई की अनुशंसा की है.
एक अधिकारी ने कहा कि प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट, 1867 की धारा 15 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति बिना नियमों का पालन किए हुए समाचार पत्र नहीं प्रकाशित कर सकता है. उस पर कानून के उल्लंघन के लिए 2,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है और छह महीने तक की जेल भी हो सकती है.
समाचार पत्र प्रकाशन और वितरण को पेड न्यूज वर्ग में डाला गया है.