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सरकार को बाहर से समर्थन देगी डीएमके

9 मंत्री पद की मांग कर रही यूपीए की प्रमुख सहयोगी डीएमके ने केवल 6 मंत्रालय दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए सरकार को बाहर से समर्थने देने का ऐलान कर दिया है. चुनाव परिणाम । शख्सियत । विश्‍लेषण । चुनाव पर विस्‍तृत कवरेज

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संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन के घटक दलों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. अपने लिए 9 मंत्री पद की मांग कर रही यूपीए की प्रमुख सहयोगी डीएमके ने केवल 6 मंत्रालय दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए सरकार को बाहर से समर्थने देने का ऐलान कर दिया है.

डीएमके चाहती थी कि उसे 5 कैबिनेट और 4 राज्‍यमंत्री पद मिले. लेकिन कांग्रेस ने उसे 6 पद देने की पेशकश की. डीएमके के नेता टी आर बालू ने इस बारे में संवाददाताओं को जानकारी दी.

गौरतलब है कि यूपीए में डीएमके कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. इस लोकसभा चुनाव में उसे 18 सीटें मिली हैं. डीएमके रेल मंत्रालय और संचार मंत्रालय समेत 7 पदों की मांग कर रहा है. उधर कांग्रेस के नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा हे कि डीएमके के साथ बातचीत अभी जारी है.

बहरहाल कांग्रेस ने कहा कि द्रमुक के साथ बातचीत खत्म नहीं हुई है. इससे संकेत मिलता है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता समस्या का समाधान निकालने के लिए और बातचीत करेंगे. कांग्रेस के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ब्यौरा दिये बिना कहा कि द्रमुक पूर्व स्थिति तथा कुछ और मंत्रालय यानी सात के साथ कुछ और मंत्रालय चाहता है.

द्रमुक की सही मांगें क्या हैं और कांग्रेस की ओर से क्या पेशकश की गयी इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा हालांकि कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. इन में से एक यह है कि द्रमुक सात मंत्रालय मांग रहा है. इनमें चार कैबिनेट स्तर के होंगे जो करुणानिधि के पुत्र एम के अझागिरी, प्रपौत्र दयानिधि मारन तथा दो निवर्तमान मंत्री ए राजा और बालू के लिए होंगे. साथ ही पार्टी ने पुत्री कानिमोझी सहित तीन राज्य स्तर के मंत्री पद की भी मांग की है.

एक अन्य पक्ष यह रखा जा रहा है कि कांगेस बालू और राजा को उनके प्रदर्शन एवं कथित भ्रष्टाचार के कारण शामिल किये जाने का विरोध कर रही है जिससे द्रमुक ने इंकार किया है. एक अन्य पक्ष के अनुसार द्रमुक रेलवे में इच्छुक है जिस पर तृणमूल कांगेस की निगाहें टिकी हुई हैं. बहरहाल द्विवेदी ने सिर्फ यही कहा कि कांग्रेस के प्रस्ताव द्रमुक को स्वीकार्य नहीं है जो इन्हें काफी कम मान रहे हैं. उन्होंने कहा द्रमुक बहुत ज्यादा मांग रहे हैं. उन्हें अधिक तर्कसंगत होना चाहिए.

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