चुनाव प्रचार के दौरान विवादास्पद बयानबाजी के मामले में बीजेपी नेता अमित शाह और समाजवादी पार्टी नेता आजम खान पर चुनाव आयोग की गाज गिरी है. आयोग ने इन दोनों नेताओं की रैलियों और रोड शो पर रोक लगा दी है.
चुनाव आयोग ने अमित शाह और आजम खान पर कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है. आयोग ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश दिया है.
चुनाव आयोग की कार्रवाई को गलत बताते हुए आजम खान ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा. इस बीच सपा ने चुनाव आयोग से पुनर्विचार की अपील की है. बीजेपी ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वोट के जरिए बदलाव की बात करना गलत कैसे हो गया.
क्या कहा था अमित शाह ने...
अमित शाह ने मुजफ्फरनगर दंगों से प्रभावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हाल में ही एक बैठक में कहा था कि यह चुनाव उस सरकार को मतदान के द्वारा बाहर करने का है, जिसने उन लोगों को मुआवजे दिए, जिन्होंने जाटों को मारा. यह बदले और इज्जत की रक्षा के लिए है. गौरतलब है कि अमित शाह पर विरोधी पार्टियां सांप्रदायिकता फैलाने और माहौल खराब करने का आरोप लगाती रही हैं.
आजम खान की बयानबाजी...
समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की बेतुकी बयानबाजी अब तक जारी थी. शुक्रवार को भी उन्होंने बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश के संभल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी 'दंगाई' और 'हत्यारा' हैं.
अपने पुराने विवादित बयान की सफाई में आजम खान ने कहा, 'मोदी ने हमें कुत्ते का बच्चा कहा. हमने कोई अपशब्द नहीं कहा. हमने नरेंद्र मोदी को भाई कहा. हम कुत्ते के बच्चे, तो वो हमारे बड़े भाई.'
मोदी को 2002 दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा, 'मोदी ने हमारे बच्चों को तेजाब के ड्रम में गलाया. गुजरात के कलंक को हम प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे. 125 करोड़ की जनता एक तरफ खड़ी है, दूसरी तरफ गुजरात का दंगाई खड़ा है.'
बहरहाल, देखना यह है कि इन नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग का कड़ा रुख आगे क्या रंग लाता है.