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गुजरात, हिमाचल में कैश फॉर सब्सिडी स्‍कीम पर फिलहाल लगे रोक: चुनाव आयोग

आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू रहने के दौरान नगदी अंतरण योजना लागू करने की घोषणा पर चिंता जाहिर करते हुए चुनाव आयोग ने मंगलवार को सरकार को निर्देश दिया कि वह गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इस योजना के कार्यान्वयन को टाल दे जहां विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है.

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आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू रहने के दौरान नगदी अंतरण योजना लागू करने की घोषणा पर चिंता जाहिर करते हुए चुनाव आयोग ने मंगलवार को सरकार को निर्देश दिया कि वह गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इस योजना के कार्यान्वयन को टाल दे जहां विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है.

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मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत की अध्यक्षता में हुई तीन सदस्यीय चुनाव आयोग की बैठक ने इस मुद्दे पर सरकार के जवाब पर विचार किया और कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान नकदी अंतरण योजना की घोषणा टाली जा सकती थी.

आयोग ने कहा कि योजना के विवरण को ध्यान में रखते हुए आयोग की यह राय है कि उपरोक्त घोषणा से बचा जा सकता था. इसलिए आयोग ऐसी घोषणा पर चिंता व्यक्त करती है और उम्मीद करती है कि चुनाव आचार संहिता के परिचालन के दौरान ऐसी घोषणाओं से बचा जाये. आयोग ने अपने फैसले में कहा कि योजना के पूरे विवरण को ध्यान में रखते हुए आयोग की यह राय है कि उपरोक्त घोषणा को जारी चुनाव प्रक्रिया के दौरान टाला जाना चाहिए था.

आयोग ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक गुजरात के चार जिलों और हिमाचल प्रदेश के दो जिलों में इस योजना के क्रियान्वयन से जुडी आगे की सभी कार्रवाई को भी रोका जाये. योजना के क्रियान्यन के पहले चरण में इन दोनों राज्यों के इन जिलों को शामिल किया गया है.

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आयोग ने कहा कि उसने सरकार के जवाब का ध्यान से अध्ययन किया लेकिन इसमें आयोग के उस सवाल का कोई जवाब नहीं है जिसमें पूछा गया था कि जब गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है तो ऐसे समय में इस योजना की घोषणा करने का औचित्य क्या था. आयोग ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर आयोग के फैसले से अवगत कराया.

पत्र में कहा गया है कि आयोग की हमेशा यह नीति रही है कि वह सरकार द्वारा अपनायी गयी नीति के गुणदोष में नहीं जाती. आयोग की चिंता सिर्फ यह देखने की रहती है कि अगर कोई चुनाव चल रहा है तो क्या सरकार के इस तरह के किसी नीतिगत फैसले या घोषणा का चुनाव पर कोई असर तो नहीं पड़ेगा और क्या इससे राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों के बीच बराबर के मौके पर कोई असर पड़ेगा. इस मौजूदा मामले में भी आयोग की चिंता सिर्फ इन्हीं मुद्दों तक सीमित थी.

गौरतलब है कि राज सहायता की राशि सीधे लोगों के खाते में भेजने की योजना के मुद्दे पर आयोग ने सरकार से जवाब मांगा था. सरकार ने सोमवार को चुनाव आयोग से कहा था कि इस योजना में नया कुछ नहीं है. यह इस साल के बजट प्रस्तावों का हिस्सा है और दावा किया कि सरकार द्वारा कुछ भी नया घोषित नहीं किया गया है.

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बीजेपी ने केन्द्र सरकार की इस योजना की घोषणा को लेकर आयोग का दरवाजा खटखटाया था. बीजेपी का आरोप था कि ऐन चुनाव के वक्त इस योजना की घोषणा आचार संहिता का उल्लंघन है.

गौरतलब है कि आयोग ने आचार संहिता लागू रहने के दौरान सरकार द्वारा नकदी अंतरण योजना की घोषणा किये जाने पर अप्रसन्नता जताते हुये कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर इस मामले पर जवाब मांगा था. पहले चरण में जिन 51 जिलों में इस योजना को लागू करने की घोषणा की गयी है उनमें से चार जिले गुजरात में हैं. गुजरात में 13 और 17 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य में आचार संहिता लागू है.

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