वाराणसी के बेनियाबाग में मोदी को रैली की इजाजत न मिलने से मचे बवाल पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया आई है. आयोग ने कहा है कि वह किसी पार्टी से नहीं डरता है और निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है. आयोग के मुताबिक, अधिकारियों का रैली की इजाजत न देने का फैसला हालात के अनुरूप लिया गया.
मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके चुनाव अधिकारियों के फैसले का बचाव किया और व्यक्तिगत हमलों की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'वाराणसी में नरेंद्र मोदी के पांच कार्यक्रमों को लेकर अधिकारियों ने परिस्थितियों के अनुरूप सही निर्णय लिया. हम विश्वास दिलाते हैं कि देश में चुनाव बिना किसी भेदभाव के सुचारू रूप से चलेगा और किसी पर व्यक्तिगत हमला उचित नहीं है.'
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि वह अपने खिलाफ 'एक राष्ट्रीय पार्टी' की ओर से किए विरोध प्रदर्शन से निराश है. फिर भी आयोग ने पार्टी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है.
गौरतलब है कि मोदी को वाराणसी के बेनियाबाग में गुरुवार को रैली की इजाजत नहीं मिली. जिससे नाराज वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने दिल्ली और वाराणसी में धरना दिया और स्थानीय चुनाव अधिकारी को हटाने की मांग की.
चुनाव आयोग ने कहा कि उन्होंने नफरत भरे बोल बोलने वाले स्टार कैंपेनर्स के खिलाफ भी बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की है. उन्होंने कहा मोदी की रैलियों को लेकर सुरक्षा कारणों के चलते चुनाव अधिकारियों ने विशेषज्ञों से सलाह ली थी. हम लोग उनके सुझावों को दरकिनार नहीं कर सकते.
चुनाव आयोग ने उन तस्वीरों पर भी जवाब दिया, जिनमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी में मतदान के दौरान एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम मशीन के पास खड़े नजर आ रहे हैं. आयोग ने बताया कि मामले पर अमेठी से ग्राउंड रिपोर्ट मंगवाई गई है और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
चुनाव आयुक्त संपत ने चुनाव की मीडिया कवरेज की तारीफ की. उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनका संज्ञान लिया गया है.