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अखिलेश गुट का 206 विधायकों के समर्थन का दावा, सीएम चुनाव के लिए तैयार

समाजवादी पार्टी के कुनबे में जारी कलह और सुलह की कोशिश के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार सुबह 10 बजे अपने आधिकारिक आवास 5 कालीदास मार्ग पर विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई है.

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कलह-सुलह के दोराहे पर सपा
कलह-सुलह के दोराहे पर सपा

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समाजवादी पार्टी के कुनबे में जारी कलह और सुलह की कोशिशों के बीच पार्टी सिंबल 'साइकिल' को लेकर लड़ाई चुनाव आयोग के सामने हैं. चुनाव आयोग ने सपा के दोनों गुटों को नोटिस भेजकर समर्थन पर हलफनामा दायर करने को कहा है. इस बीच सीएम अखिलेश यादव ने समर्थक विधायकों और मंत्रियों के साथ लखनऊ में बैठक की. अखिलेश ने समर्थकों से चुनाव में उतरने को कहा और बताया कि पार्टी सिंबल का मामला वे देख लेंगे. अखिलेश के समर्थन में 206 विधायकों के समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर कराया गया. इस बीत, मुलायम सिंह दिल्ली पहुंचे और समर्थक नेताओं के साथ उनकी मीटिंग चल रही है.

अमर सिंह-जयाप्रदा मुलायम के घर
दिल्ली पहुंचने के बाद मुलायम सिंह के अशोका रोड स्थित घर पर समर्थक नेताओं के साथ मीटिंग शुरू हो चुकी है. अमर सिंह और जयप्रदा भी मुलायम सिंह के घर पहुंचे हैं. बैठक में शिवपाल यादव भी मौजूद हैं. माना जा रहा है कि 9 जनवरी को जो चुनाव आयोग को जवाब देना है मुलायम गुट को उसके बारे में रणनीति बनाने के लिए बैठक हो रही है. इस बारे में कानूनी सलाह भी ली जा रही है.

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चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नोटिस भेजा
चुनाव आयोग ने गुरुवार को दोनों गुटों से 9 जनवरी तक विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के समर्थन को लेकर हलफनामा दायर करने को कहा है. गौरतलब है कि घमासान बढ़ने के बीच मुलायम सिंह और अखिलेश गुट ने चुनाव आयोग के सामने अपनी-अपनी स्थिति रखी थी. आयोग ने इसी के बाद 9 जनवरी तक हलफनामा दायर करने को कहा है.

सुलह पर नहीं बनी बात
पिछले दो दिनों से लखनऊ में सुलह की कोशिशों के बीच बात नहीं बनते देख शिवपाल यादव और मुलायम सिंह यादव गुरुवार की सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए. दिल्ली पहुंचने के बाद समर्थक नेताओं का मुलायम के घर जुटना शुरू हो गया. मुलायम सिंह और शिवपाल यादव ने अखिलेश की शर्तें मानने से इनकार कर दिया है.

अखिलेश ने की समर्थकों संग बैठक
इधर मुलायम और शिवपाल के दिल्ली रवाना होते ही अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पर बैठक की. अखिलेश यादव के समर्थक अब इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह सुलह का इंतजार किए बगैर अपने उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी कर दें और कांग्रेस पार्टी के साथ समझौते को भी आखिर रूप दे दें.

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आजम ने फिर की सुलह की कोशिश
बुधवार को दिनभर दोनों पक्षों के बीच सुलह समझौते की कोशिश हुई और वरिष्ठ मंत्री आजम खान ने मध्यस्थता करने की कोशिश की. लेकिन दोनों पक्षों के अपनी अपनी मांग पर अड़े रहने की वजह से बात नहीं बनी. सबसे बड़ी अड़चन टिकट बंटवारे को लेकर ही है. अखिलेश कैंप शिवपाल को किनारे लगाना चाहता है तो मुलायम सिंह यादव के करीबी लोग रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है वही अखिलेश यादव को भड़का रहे हैं.

अमर सिंह ने चुनाव आयोग में दिए दस्तावेज

इस दौरान अमर सिंह ने भी निर्वाचन आयोग में कुछ दस्तावेज जमा किए हैं और 1 जनवरी को अखिलेश की बुलाई सभा को असंवैधानिक करार दिया है क्योंकि इसके लिए पार्टी अध्यक्ष की अनुमति नहीं ली गई थी. वहीं अखिलेश का कहना है कि वे चुनाव लड़ने जा रहे हैं और यूपी की सत्ता में फिर से उनकी वापसी होगी. अखिलेश ने कहा, 'कहां नट-बोल्ट लगाना है, कहां हथौड़ा इस्तेमाल करना है, सही से करेंगे.'

बुधवार को फिर मुलायम सिंह के घर पर बैठक हुई. इसमें शिवपाल यादव और आजम खान भी शामिल हुए. लंबी चली मीटिंग के बाद आजम खान मुलायम के घर से वापस चले गए. आजम खान पार्टी में सुलह का फॉर्मूला लेकर सामने आए थे. आजम खान ने दोनों पक्षों से थोड़ी नरमी बरतने और चुनाव के लिए मिलकर काम करने की अपील की. इस बैठक में नारद राय और ओमप्रकाश समेत कई नेता शामिल हुए. माना जा रहा है आजम खान इसके बाद अखिलेश यादव से मुलाकात कर आगे की संभावनाओं पर बात करेंगे.

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दरअसल कई मौकों पर लगा कि पिता-पुत्र की जोड़ी भले ही मानने को तैयार हो जाती हो, लेकिन जानकारों के मुताबिक जिन शक्तियों से पिता और पुत्र अलग-अलग घिरे हैं, कहीं ना कहीं वो सुलह में रोड़ा बन कर सामने आ जाती है. मुलायम की कमजोरी अमर और शिवपाल हैं, तो वहीं अखिलेश का हाथ रामगोपाल के साथ है.



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