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चुनाव में जमकर हुआ सोशल साइट्स का इस्तेमाल

देश के 16वें लोकसभा चुनाव में सोशल नेटवर्किंग साइट्स का जमकर इस्तेमाल किया गया. लोगों ने सोशल साइट्स के जरिए अपने नेताओं की खूब प्रशंसा की तो कई बार फटकार भी लगाई. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ही बात करें तो यहां के लाखों लोग जो सोशल साइट्स का प्रयोग करते हैं, उन्होंने लोकसभा चुनाव-2014 के दौरान अपने नेताओं का जमकर प्रचार किया है.

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मोदी ने अपनी मां के साथ ये तस्वीर ट्विटर पर साझा की थी
मोदी ने अपनी मां के साथ ये तस्वीर ट्विटर पर साझा की थी

देश के 16वें लोकसभा चुनाव में सोशल नेटवर्किंग साइट्स का जमकर इस्तेमाल किया गया. लोगों ने सोशल साइट्स के जरिए अपने नेताओं की खूब प्रशंसा की तो कई बार फटकार भी लगाई. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ही बात करें तो यहां के लाखों लोग जो सोशल साइट्स का प्रयोग करते हैं, उन्होंने लोकसभा चुनाव-2014 के दौरान अपने नेताओं का जमकर प्रचार किया है.

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वहीं लोकसभा चुनाव में सभी सोशल साइट्स पर बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का जमकर प्रचार किया गया है. उनके चाहने वालों ने अपनी सभी सीमाएं तोड़कर उनका समर्थन करते हुए जमकर प्रचार-प्रसार किया है. खास बात यह भी है कि जहां आम जनता ने सोशल साइट्स का इस चुनाव में फायदा उठाया है तो वहीं नेताओं ने भी इसका जमकर लाभ उठाया है.

बीएसपी हो या सपा, बीजेपी हो या फिर कांग्रेस सभी ने अपने-अपने तरीके से इस चुनाव में सोशल साइट्स का प्रयोग किया है. उदाहरण के तौर पर बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी की जीत का ट्वीट हो या फिर आशीर्वाद के लिए मां से मिलने जाने का ट्वीट या फिर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का हार की जिम्मेदारी लेने वाला ट्वीट, लोगों ने इन सब पर खूब प्रतिक्रियाएं दीं.

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मोदी की जीत पर किए गए ट्वीट को महज कुछ ही घंटों में 50,000 से भी ज्यादा बार रिट्वीट किया गया. मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'भारत जीत गया, अच्छे दिन आने वाले हैं.' माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के अनुसार मोदी का यह ट्वीट 10,000, से लेकर 50,000 की संख्या तक पहुंचने वाले ट्वीटों में सबसे तेज रहा.

ट्विटर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'पिछले 24 घंटे में चुनाव से संबंधित 1.56 करोड़ ट्वीट किए गए, जबकि इतने ही घंटों में यह 8.698 अरब लोगों तक पहुंचा.' जनादेश के साफ होने के बाद राहुल गांधी और उनकी मां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा पार्टी के हार की जिम्मेदारी लेने के बाद भी बड़ी संख्या में सोशल साइट्स का इस्तेमाल करने वालों लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी.

ऐसे में साल 2014 में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 234 करोड़ तक पहुंच गई है. यही कारण रहा इस बार के चुनाव में सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल हुआ. खासकर उन लोगों ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल अधिक किया जो आम चुनाव के नतीजों को टीवी पर देख नहीं सके.

सेना के नौजवानों ने भी सोशल साइट्स पर अपने नेताओं का जमकर प्रचार-प्रसार किया है. लखनऊ विशाल तिवारी, लोकेश सिंह, ब्रजेश सिंह, गप्पू, नीरज तलरेजा, कमल किशोर पांडे समेत तमाम लोगों ने सोशल साइट्स पर अपने नेता का जमकर प्रचार किया है. यहां तक इन साइट्स पर अगर इनके नेताओं का जरा भी विरोध किया गया तो इनके द्वारा तुरंत कायदे का जवाब भी दिया गया. इन सभी लोगों ने वाट्सअप पर भी जबरदस्त अपने नेताओं का प्रचार-प्रसार किया है.

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ट्विटर इंडिया के रहील खुर्शीद के मुताबिक, इस चुनाव में ट्विटर समाचार जानने और संचार के रूप में एक बड़े स्रोत के रूप में उभरा. ट्विटर के अलावा फेसबुक ने भी कई चुटकुलों, तस्वीरों के जरिए लोगों को अपनी बात रखने का मंच दिया. खासकर युवाओं ने इसका खूब इस्तेमाल किया. सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल, युवाओं की इसमें सहभागिता और यहां राजनीति पर हो रही बहस दिखाती है कि यह मंच अब काफी बड़ा और विस्तृत हो चला है.

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