चुनाव के दौरान विकास कार्य ठप न पड़े इसके लिए चुनाव आयोग ने कई परियोजनाओं को फौरन अपनी मंजूरी देते हुए इन्हें आचार संहिता के घेरे से सुरक्षित निकाला. आयोग के रेकॉर्ड के मुताबिक केंद्र या राज्य सरकार की परियोजनाओं, प्रस्तावों को मिलने के दिन ही मंज़ूरी मिलने के 24 मामले हैं.
इसी तरह 48 घंटे के भीतर 34 मामले क्लियर किए गए, यानि 48 घंटों के भीतर 55 फीसदी मामलों को आयोग ने हरी झंडी दिखा दी. दो दिन के भीतर 39, तीन दिन में 25, चार दिन में 24 और पांचवें दिन 4 मामले मंज़ूर किये गए. पांच दिन से ज़्यादा लंबित रखे गए पेचीदा मामलों की तादाद 29 थी, जो कुल 179 मामलों का 16.2 % रहा.
आयोग का कहना है कि आचार संहिता किसी भी सूरत में देश के विकास की गति में बाधा नहीं बनेगी, लेकिन सरकारों के लिए संहिता का पालन करना इसलिए उचित है कि चुनाव में सरकारें संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का बेजा इस्तेमाल अपने राजनीतिक नफा-नुक्सान के लिए न करें.