लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही देशभर में राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार में तेजी आ गई है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने भी प्रचार पर निगरानी बढ़ा दी है. इस बाबत आयोग ने ताजा दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघरों और अन्य धार्मिक स्थलों से चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी गई है.
दरअसल, चुनाव से पहले मार्च और अप्रैल के महीने में कई पर्व-त्योहार हैं. ऐसे में दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने शनिवार को दिशा-निर्देश जारी कर राजनीतिक पार्टियों से कहा कि वह ऐसे समारोहों या कार्यक्रमों का इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए न करें. यही नहीं, दिशानिर्देश में कहा गया है कि वोट हासिल करने के लिए जातिगत या सांप्रदायिक भावनाओं वाली अपील नहीं की जाएगी. चुनावी प्रचार के लिए मंदिरों, मस्जिदों, गिरिजाघरों या अन्य पूजा स्थलों का इस्तेमाल भी नहीं किया जाएगा.
हालांकि चुनाव आयोग ने राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को धार्मिक समारोह में हिस्सा लेने की छूट दी है, लेकिन इसके साथ ही आयोग ने सख्ती से कहा है कि ऐसे कार्यक्रमों में कोई राजनीतिक भाषण नहीं दिया जा सकेगा.