चुनाव आयोग ने गुरुवार को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मामला बिहार विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान राघोपुर में कथित तौर पर जातिसूचक टिप्पणियां करने का है. आयोग ने लालू को प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का दोषी पाया है. मामले में आरजेडी प्रमुख के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है.
आयोग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है, 'आयोग की प्रथम दृष्टया राय है कि कथित बयान देकर आपने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और आयोग आपको कथित बयान के संदर्भ में 6 अक्तूबर 2015 की दोपहर तीन बजे तक या उससे पहले अपना रुख स्पष्ट करने का मौका देता है, जिसमें असफल रहने पर निर्वाचन आयोग आपका आगे संदर्भ दिए बिना ही निर्णय करेगा.'
क्या कहा था लालू ने रैली में
गौरतलब है कि कथित जातिसूचक टिप्पणियां करने के लिए बिहार में मंगलवार को ही लालू के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी. आरजेडी प्रमुख ने राघोपुर से अपना प्रचार शुरू करते हुए कथित तौर पर कहा था कि विधानसभा चुनाव पिछड़ी जातियों और अगड़ी जातियों के बीच सीधी लड़ाई है. उन्होंने यादवों और अन्य पिछड़ा वर्गों से बीजेपी नीत एनडीए को परास्त करने के लिए धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का साथ देने का आह्वान किया था.
नोटिस जारी करते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें याद दिलाया कि जाति, नस्ल, धर्म, समुदाय या भाषा के आधार पर नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य या नफरत की भावना का प्रसार जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 125 और भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 505 (2) के तहत अपराध है. आयोग का नोटिस बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय नायक द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई एक रिपोर्ट पर आधारित है.
-इनपुट भाषा से