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Assembly Elections: रैली-रोड शो पर जारी रहेगी पाबंदी, चुनाव आयोग की बैठक में फैसला

सूत्रों के मुताबिक अभी रैलियों, जुलूसों पर पाबंदी अगले सप्ताह तक जारी रहेगी. लेकिन दूसरे तरीकों से प्रचार करने पर कुछ ढील दी गई है. जैसे पहले इनडोर बैठक के लिए 300 लोगों का प्रावधान था. इसे भी कुछ हद तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • पांचों चुनावी राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्त शामिल हुए
  • वैक्सीनेशन और कोरोना संक्रमण को लेकर भी हुई बात

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते चुनाव आयोग किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है. इसलिए आयोग ने चुनावी रैलियों, जुलूस और रोड शो पर पाबंदियां एक हफ्ते के लिए और बढ़ा दी हैं. सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण और टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा के लिए शनिवार को रखी गई बैठक में इस पर सहमति बनी है. सूत्रों का कहना है कि आयोग ने प्रचार के दूसरे तरीकों में कुछ छूट दी है.

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इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ सभी आयुक्त और उपायुक्त शामिल हुए. इसके अलावा उच्च अधिकारी और पांचों चुनावी राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने भी बैठक में हिस्सा लिया.

बैठक में राज्यों के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और मुख्य सचिव ने टीकाकरण और संक्रमण को लेकर अब तक की प्रगति पर जानकारी दी. इनसे बातचीत और चर्चा के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ समीक्षा बैठक हुई. जिसके बाद पाबंदी जारी रखने का फैसला लिया गया. निर्वाचन आयोग चाहता है कि टीकाकरण का आंकड़ा और मजबूत हो.

सूत्रों के मुताबिक पहले चरण का चुनाव प्रचार पिछले चुनावों की तरह अगर 72 घंटे पहले ही बंद होगा तो उससे संभवत: हफ्ते भर पहले छूट मिल सकती है. सूत्रों का कहना है कि छूट मिलेगी भी तो पाबंदियों के साथ. यानी आयोग लगाम में ढील तो देगा लेकिन लगाम हाथ में ही रखेगा.

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चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक छोटी सभाएं, घर घर संपर्क अभियान जैसी चीजों को लेकर छूट बढ़ाने पर भी बात हुई है. पाबंदियां लागू रखने के पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि मणिपुर में टीकाकरण की सुस्त रफ्तार से आयोग असंतुष्ट है. पंजाब में भी टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी तो है, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने में वक्त लगेगा. हालांकि गोवा, उत्तराखंड और यूपी में टीकाकरण और संक्रमण दोनों में काफी सुधार किया है.

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