चुनाव आयोग ने यूपी के शामली में अमित शाह के दिए विवादित भाषण पर उन्हें नोटिस भेजा है और अपना जवाब देने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक, आयोग को लगता है कि प्रथम दृष्टया में ये चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है. चुनाव आयोग ने 9 अप्रैल तक अमित शाह को जवाब देने को कहा है.
आपको बता दें कि अमित शाह पर पश्चिमी यूपी के शामली में एक सभा में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी. जिसके बाद उन्हें नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा गया है.
विपक्षी पार्टियां अमित शाह की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब भड़काऊ बयान के लिए इमरान मसूद को गिरफ्तार किया जा सकता है तो अमित शाह को क्यों नहीं? इससे पहले, रविवार को अमित शाह के खिलाफ बिजनौर में मुकदमा दर्ज किया गया था.
गौरतलब है कि अमित शाह ने मुजफ्फरनगर दंगों से प्रभावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हाल में ही एक बैठक में कहा था कि यह चुनाव उस सरकार को मतदान के द्वारा बाहर करने का है जिसने उन लोगों को मुआवजे दिए जिन्होंने जाटों को मारा. यह बदले और इज्जत की रक्षा के लिए है. शाह का यह विवादास्पद बयान ऐसे वक्त आया है जब प्रतिद्वंद्वी दल उन पर क्षेत्र का माहौल खराब करने का आरोप लगा रहे हैं.
मुजफ्फरनगर में पिछले साल सितंबर में जाटों और मुसलमानों के बीच दंगे की आग भड़की थी. इसमें 40 से ज्यादा लोग मारे गये थे तथा 50 हजार से अधिक बेघर हो गये थे. शाह ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर दंगों के एक आरोपी सुरेश राणा के साथ जाकर गुर्जर, राजपूत और दलित नेताओं से मुलाकात की थी. शाह ने कथित तौर पर उनसे कहा था 'कोई व्यक्ति भोजन और नींद के बिना रह सकता है. वह भूखा और प्यासा भी रह सकता है लेकिन वह अपमानित होकर नहीं जी सकता. अपमान का बदला लेना होगा.'