बीजेपी नेता अमित शाह ने बुधवार को चुनाव आयोग से ‘बदला लेने’ संबंधी उनकी कथित टिप्पणियों के लिए उन्हें दिये गये नोटिस पर फिर से विचार करने को कहा है. शाह ने दावा किया कि इन टिप्पणियों को सही नजरिए से रिकॉर्ड नहीं किया गया है.
चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब में शाह ने आचार संहिता का उल्लंघन करने से इंकार करते हुए आयोग से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके भाषण की सीडी की कापी मांगी है. शाह के इस जवाब पर आयोग गुरुवार को गौर करेगा.
बीजेपी ने आयोग से शाह के भाषण की प्रतिलिपि मांगते हुए आरोप लगाया कि इसमें कुछ निराधार हिस्से मौजूद हैं, जिन्हें संभवत: उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा जोड़ा गया है जिसके कारण भाषण को सही संदर्भ में नहीं पढ़ा गया. पार्टी और शाह ने उनके भाषण में ‘बदला’ शब्द के उपयोग से इंकार किया और उत्तर प्रदेश प्रशासन पर शाह के मुंह में बदला जैसे अस्तित्वहीन शब्दों को डालने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया.
पार्टी के नेता आर रामकृष्णन ने कहा कि बिजनौर में उनके भाषण के एक वाक्य को जानबूझकर हटाया गया. बीजेपी ने कहा कि इस वाक्य को हटाकर ‘बदला’ जैसे निराधार शब्द को डालने से ऐसा लगता है कि हिंसा और बदला लेने को प्रोत्साहन दिया जा रहा है जबकि अमित शाह केवल मतपेटी के जरिये बदलाव लाने की बात कर रहे हैं.
बीजेपी ने कहा कि असल में, बिजनौर के शब्दों को शामली के शब्दों के साथ पढ़ने पर इस तथ्य की पुष्टि होती है कि मुख्य अपील बदला लेने के बजाय अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए मतपेटी का सहारा लेने की है.
रामकृष्णन ने कहा कि ‘छेड़छाड़’ के गंभीर सबूतों के अलावा, प्रतिलिपि दिखाती है कि प्रशासन जानबूझकर पूरे भाषणों को अपने पास रख रहा है ताकि आयोग और अदालत को पूरा संदर्भ समझ नहीं आ पाए.
बीजेपी ने चुनाव आयोग से बिना कटा छंटा भाषण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया और नोटिस पर फिर से विचार करने की मांग करते हुए कहा कि आपराधिक प्राथमिकी पहले ही दर्ज हो चुकी हैं.