मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर व झारखंड में चुनाव की तारीखों की घोषणा की. दोनों राज्यों में पांच चरणों में चुनाव होंगे, जिसकी शुरुआत 25 नवंबर से होगी और आखिरी दौर का मतदान 20 दिसंबर को होगा. वोटों को गिनती 23 दिसंबर को होगी. इसके अलावा 25 नवंबर को ही दिल्ली विधानसभा की तीन सीटों के लिए उपचुनाव भी होंगे. तारीखों के ऐलान के साथ दोनों ही राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.
झारखंड और जम्मू-कश्मीर दोनों राज्यों में 5 चरणों में चुनाव होगा. 25 नवंबर को पहला चरण, दूसरे चरण का चुनाव 2 दिसंबर, तीसरे चरण का चुनाव 9 दिसंबर, चौथे चरण का चुनाव 14 दिसंबर और पांचवे चरण का चुनाव 20 दिसंबर को होगा.
87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 19 जनवरी को समाप्त हो रहा है, जबकि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा का कार्यकाल तीन जनवरी को समाप्त होगा.
यह पूछे जाने पर कि जम्मू कश्मीर में हाल में आयी बाढ़ के चलते हुई तबाही को देखते हुए क्या अभी विधानसभा चुनाव कराना सही निर्णय है, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हाल की प्राकृतिक आपदा का चुनावों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यक्रमों को तय करते समय बाढ़ के बाद की स्थिति के साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति, मौसम की स्थिति और त्यौहारों आदि सहित विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा गया है.
संपत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक राजनीतिक दल को छोड़कर ज्यादातर दल समय पर चुनाव कराने के पक्ष में हैं. उनका कहना था कि चुनाव को टालने का कोई कारण, कोई औचित्य नहीं है. मौजूदा जम्मू-कश्मीर विधानसभा का छह साल का कार्यकाल अगले साल 19 जनवरी को समाप्त हो रहा है. 87 सदस्यीय विधान सभा की 7 सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित हैं.
राज्य में अनुसूचित जनजाति के लिए कोई भी सीट आरक्षित नहीं है. यहां मतदाताओं की संख्या 72 लाख 25 हजार 559 है, जिनके लिए 10015 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 9 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. यहां मतदाताओं की संख्या दो करोड़ 7 लाख 44 हजार 776 है, जिनके लिए 24648 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं.
चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा ने आज तक से बात करते हुए कहा कि दोनों अशांत राज्यों में चुनाव कराने की चुनौती बड़ी है, लेकिन हम स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव करा लेंगे. उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर के लोग चुनाव के लिए तैयार हैं, वहां वोटर टर्नआउट बढ़ेगा. कुछ इलाकों में पानी भरा हुआ है, लेकिन चुनाव हो जाएंगे.
ब्रह्मा ने कहा दिल्ली विधानसभा के मामले में 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अहम है. अगर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली विधानसभा को भंग करने की सिफारिश करता है तो हमारा नोटिफिकेशन अपने-आप रद्द हो जाएगा.
आपको बता दें की 2008 में जम्मू-कश्मीर की 87 सीटों के लिए हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. नेशनल कॉन्फ्रेंस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. एनसी ने कांग्रेस के समर्थन से राज्य में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनाई.
झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं. 2009 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 18-18 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस की झोली में 13 सीटें आईं और 20 सीटें अन्य को मिलीं. झारखंड में इस समय जेएमएम के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार है, जिसे कांग्रेस का समर्थन हासिल है.