हरियाणा में वर्षों से चल रहे वंशवाद का खात्मा होता दिख रहा है. रविवार को चुनावी परिणाम में दुष्यंत चौटाला की हार ने साफ कर दिया है कि राज्य की जनता वंशवाद की राजनीति से अपने को दूर कर रही है.
हरियाणा में चौटाला का कुनबा बुरी तरह पराजित हुआ है. हालांकि ऐलानाबाद से INLD नेता अभय कुमार चौटाला और डबवाली से नैना चौटाला जीत गई हैं, लेकिन ओमप्रकाश चौटाला का जेल से बाहर आकर प्रचार करना भी पार्टी को बहुत फायदा नहीं पहुंचा पाया. जनता ने उन्हें नहीं स्वीकारा और उनकी पार्टी बहुमत से दूर रही.
दूसरी ओर पूर्व मुख्य मंत्री भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई की पार्टी को भी मुंह की खानी पड़ी. वे तो सत्ता से बहुत दूर चले गए. बीजेपी के सीएम पद के प्रमुख दावेदार कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि यह हरियाणा के लिए ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि इसके साथ ही पार्टी वंशवाद की राजनीति से दूर चली गई है. उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रदर्शन के कारण ही ऐसा हुआ.