भड़काऊ भाषण देने के मामले में शिवसेना नेता रामदास कदम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. एक पुलिस अधिकारी ने आज यहां बताया कि शिवसेना नेता के खिलाफ मंगलवार शाम आईपीसी और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कदम के खिलाफ आईपीसी की जिन धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें धारा 153 में विभिन्न समूहों के बीच धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, आवास, भाषा आदि के आधार पर वैमनस्य फैलाने तथा समरसता बनाए रखने की दृष्टि से हानिकारक कार्य करने तथा धारा 153 (बी) के तहत राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक कार्रवाई करना शामिल है.
कदम पर आरोप है कि उन्होंने 21 अप्रैल को भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी द्वारा रैली को संबोधित किए जाने से एकदम पहले बांद्रा कुर्ला परिसर में एक रैली में मुस्लिम विरोधी टिप्पणियां की थीं. चुनाव आयोग के एक अफसर मंगलवार को बीकेसी पुलिस थाने में आए और कथित भड़काऊ भाषण पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया.
कदम ने कथित रूप से 1993 के मुंबई दंगों को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया और कहा था कि पाकिस्तानियों ने भारतीय सैनिकों के सर कलम कर दिए लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री ने इसके बारे में कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि यदि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह छह महीने के भीतर पाकिस्तान का खात्मा कर देंगे.
2012 में आजाद मैदान के दंगों का जिक्र करते हुए कदम ने कहा था कि मुस्लिमों ने कथित रूप से पुलिस के साथ संघर्ष किया, उनके वाहनों को आग लगाई, शहीदों की प्रतिमाओं को अपवित्र किया और महिला कांस्टेबलों से छेड़खानी की. उन्होंने साथ ही कहा था कि मोदी यह सुनिश्चित करेंगे कि इस प्रकार की कार्रवाई के दोषी बचने नहीं पाएं. शिवसेना ने कदम की टिप्पणी से दूरी बनाते हुए कहा है कि ये उनके निजी विचार हैं और यह पार्टी का स्टैंड नहीं है.