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लोकप्रियता की रेस में बेदी से आगे क्यों हैं केजरीवाल, 5 वजहें

आखिरी समय में ही सही, बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत दिल्ली में झोंक डाली है. मंत्री-सांसद-प्रधानमंत्री सभी धुआंधार सभाएं कर रहे हैं. फिर भी ओपिनियन पोल केजरीवाल की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफे का संकेत दे रहे हैं. इन पांच अंतरों से समझिए कि क्यों किरण बेदी वहीं रह गईं और केजरीवाल की पॉपुलैरिटी का मीटर सरपट दौड़ने लगा.

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Arvind Kejriwal vs Kiran Bedi
Arvind Kejriwal vs Kiran Bedi

दिल्ली के मतदान में महज ढाई दिन दूर हैं और ज्यादातर ओपिनियन पोल आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत का दावा कर रहे हैं. लोकसभा चुनावों की निराशाजनक हार से उबरकर केजरीवाल और उनकी टीम ने राजधानी में जी-जान से मेहनत की है, जिसका उन्हें फायदा मिलने की उम्मीद है.

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उधर आखिरी समय में ही सही, बीजेपी ने भी अपनी पूरी ताकत दिल्ली में झोंक डाली है. मंत्री-सांसद-प्रधानमंत्री सभी धुआंधार सभाएं कर रहे हैं. फिर भी ओपिनियन पोल केजरीवाल की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफे का संकेत दे रहे हैं. इन पांच अंतरों से समझिए कि क्यों किरण बेदी वहीं रह गईं और केजरीवाल की पॉपुलैरिटी का मीटर सरपट दौड़ने लगा.

1. आम आदमी से कनेक्टिविटी
बीजेपी के विजन डॉक्युमेंट से पता चला है कि सीएम की कुर्सी संभालने के बाद किरण बेदी भी दिल्लीवासियों से दिल की बात करेंगी. दूसरी तरफ केजरीवाल लोगों से लगातार कनेक्टिविटी बनाए हुए हैं. केजरीवाल अपने वोटर से सीधा संवाद करते हैं. दिल की बात किरण बेदी भी करेंगी, बशर्ते दिल्लीवासी उन्हें ऑफिशियली ये मौका दें.

2. विजन डॉक्युमेंट बनाम घोषणा पत्र
बीजेपी को ये दावा करने का पूरा हक है कि उसका विजन डॉक्युमेंट उसकी दूरगामी सोच को दर्शाता है. आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल आरोप है कि बीजेपी ने ऐसा इसलिए किया ताकि वादे पूरे न होने पर लोग उससे कोई सवाल न पूछें. वैसे केजरीवाल अपने घोषणा पत्र में स्वराज कानून लाने की बात कर चुके हैं. स्वराज को केजरीवाल का विजन डॉक्युमेंट माना जाता है.

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3. केजरीवाल बनाम मोदी
कहने को तो दिल्ली के चुनाव मैदान में अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी हैं. एक AAP की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार है तो दूसरा बीजेपी की ओर से. अब दोनों में एक खास फर्क ये है कि कौन किसके नाम पर चुनाव लड़ रहा है. केजरीवाल अपनी छवि है, खुद की विश्वसनीयता है और नाम भी है. किरण बेदी की भी अपनी खास छवि है, खुद की विश्वसनीयता है लेकिन नाम किसी और का लगता है. किरण बेदी लोगों को ये जरूर बताती हैं कि दिल्ली को लेकर वो क्या क्या करेंगी पर वोट मोदी के नाम पर मांगती हैं.

4. कौन क्या देगा?
बीजेपी मध्यम वर्ग के लोगों के लिए एक लाख पक्के मकान बनवाने की बात कर रही है. आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सरकारी कर्मचारियों के लिए घर और दो लाख सार्वजनिक शौचालय बनाने की बात की है. बीजेपी ने दिल्ली को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया है. आप का कहना है कि वो पूरी दिल्ली को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा देगी. बीजेपी का कहना है कि दिल्ली में हर हाल में निवेश लाना उसकी प्राथमिकता होगी. AAP ने दिल्लीवासियों से आठ लाख नई नौकरियां देने का भी वादा किया है.

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5. अपना अपना लोकपाल
बीजेपी ने भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम लगाने का भरोसा दिलाया है. आम आदमी पार्टी पहले ही कह चुकी है, 'जनलोकपाल बिल पास कराएंगे, रिश्वतखोरी बंद करेंगे.' कभी जनलोकपाल आंदोलन की सक्रिय सदस्य रहीं किरण बेदी अब इस बारे में कोई बात नहीं करतीं.

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