झारखंड के कई ब्यूरोक्रेट्स इस बार राजनीतिक रसूख पाने को मचल रहे हैं. यही वजह है कि सूबे के वरिष्ठ नौकरशाह अब पीली की जगह लाल बत्ती पाने की जुगत में है. राज्य में इस बार चुनावी मैदान में पांच पूर्व आईपीएस अफसर किस्मत आजमा रहे हैं.
झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर पूर्व आईजी और राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने रांची लोकसभा सीट से अपना पर्चा दाखिल किया. अमिताभ यह चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ रहे हैं.
नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले पलामू लोकसभा सीट से राज्य के पूर्व डीजीपी बी डी राम बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं, जबकि नक्सल प्रभावित गुमला से कांग्रेस की टिकट पर पूर्व एडीजीपी रामेश्वर उरांव अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पूर्व डीआईजी सुबोध कुमार आजसू की टिकट पर गोड्डा से चुनाव लड़ रहे हैं तो जमशेदपुर से एक बार फिर पूर्व आईपीएस और सांसद अजय कुमार जेवीएम के उम्मीदवार हैं.
इस बीच, हैरानी इस बात को लेकर है कि नक्सल प्रभावित इलाकों से लड़ने वाले ये पूर्व आईपीएस नक्सलियों के खिलाफ कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं. इनके चुनावी मुद्दों के लिस्ट से नक्सलवाद और कानून-व्यवस्था गायब है.