9 चरणों वाले लोकसभा चुनाव के पहले चरण में सोमवार को पूर्वोत्तर में कुल 6 सीटों के लिए मतदान शांतिपूर्ण रहा. त्रिपुरा में एक लोकसभा सीट के लिए सर्वाधिक 85 फीसदी से ज्यादा वोटर्स ने वोट किया जबकि असम में पांच लोकसभा सीटों के लिए 76 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.
त्रिपुरा में त्रिपुरा वेस्ट लोकसभा सीट के लिए मतदान हुआ. यहां के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आशुतोष जिंदल ने बताया कि चुनाव में कोई अवांछित घटना नहीं हुई और करीब 85 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. उन्होंने बताया कि 200 मतदान केंद्रों के सामने 7 सात बजे तक मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं. निश्चित संख्या बता पाना संभव नहीं है.
असम में 76 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. कई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में खराबी आने के कारण कुछ जगहों पर पुनर्मतदान के लिए विचार किया जा रहा है. असम के तेजपुर में 75 फीसदी मतदान हुआ जबकि जोरहाट में 76 फीसदी, लखीमपुर में 76 फीसदी, डिब्रूगढ़ में 70 फीसदी और कलियाबोर में 80 फीसदी मतदान हुआ. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतदान का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि मतदान केंद्रों के आगे लंबी कतारें लगी थीं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजयेंद्र ने बताया, ‘कुछ मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान हो सकता है क्योंकि वहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में खराबी के कारण कुछ समय तक मतदान प्रक्रिया बाधित रही. रिटर्निंग अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद चुनाव आयोग अंतिम निर्णय करेगा.’ सोमवार के मतदान से असम में तेजपुर, कलियाबोर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर लोकसभा क्षेत्रों की पांच सीटों के 51 उम्मीदवारों का राजनीतिक भाग्य 76 फीसदी से अधिक मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में कैद हो गया. इनमें दो केंद्रीय मंत्री शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी खराबी की वजह से 93 इवीएम को बदलना पड़ा. त्रिपुरा की एक सीट के लिए माकपा के शंकर प्रसाद दत्ता, कांग्रेस के अरुणोदय साहा, बीजेपी के प्रदेश इकाई के प्रमुख सुधींद्र दासगुप्ता और तृणमूल कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रतन चक्रवर्ती सहित 13 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य ईवीएम में बंद हो गया.