जम्मू कश्मीर में शुक्रवार को राज्यपाल शासन लागू हो गया. राज्य में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत न मिल पाने के कारण यहां अभी तक कोई सरकार गठित नहीं हो पाई है.
कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर कामकाज देख रहे उमर अब्दुल्ला ने भी गुरुवार को साफ कर दिया कि वह अब इस पद पर बने रहने की स्थिति में नहीं हैं.
अधिकारियों ने कहा कि राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने जम्मू कश्मीर संविधान की धारा 92 के तहत छह माह के लिए राज्यपाल शासन लागू कर दिया.
राजभवन से शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में कहा गया है, 'जम्मू कश्मीर के संविधान की धारा 92 (5) के तहत राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद वोहरा ने संविधान की धारा 92 (1) के तहत राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने की घोषणा जारी की.'
बयान में कहा गया है कि राज्य में नवंबर और दिसंबर, 2014 में कुल पांच चरणों में चुनाव हुए थे और परिणाम 23 दिसंबर, 2014 को घोषित किए गए थे. उसके बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी की पराजय के बाद 24 दिसंबर, 2014 को इस्तीफा दे दिया था.
बयान में कहा गया है, 'उमर अब्दुल्ला का इस्तीफा स्वीकार करने के साथ ही राज्य में वैकल्पिक बंदोबस्त होने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया गया था.'
राज्यपाल ने राज्य में सरकार गठन के मुद्दे पर पिछले दो सप्ताहों के दौरान विधानसभा में सबसे बड़े दल पीडीपी और दूसरे बड़े दल भाजपा के साथ परामर्श किया था.
बयान में कहा गया है, 'लेकिन अभी तक किसी भी दल ने राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है.'
बयान के अनुसार, 'उमर अब्दुल्ला ने सात जनवरी, 2015 को राज्यपाल को सूचित किया कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद से हटने का फैसला किया है.'
बयान में कहा गया है, 'राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है जो आठ जनवरी, 2015 से प्रभावी है.' आईएएनएस से इनपुट