भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चुनाव प्रचार में 10,000 करोड़ रुपये खर्च होने के कांग्रेस के आरोपों पर नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह किसी भी सरकारी एजेंसी से जांच कराने को तैयार हैं और 30 दिन के अंदर यह जांच पूरी करा ली जाए. उन्होंने इस संबंध में खुद चुनाव आयोग को पत्र लिखने की पेशकश की है.
बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार मोदी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उन आरोपों को झूठा करार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों की जमीन को सस्ती दरों पर औद्योगिक घरानों को दे दिया. एक चैनल को दिए इंटरव्यू में गुजरात के मुख्यमंत्री से कांग्रेस नेताओं खासकर आनंद शर्मा के इस आरोप के बारे में सवाल किया गया था कि उन्होंने इस चुनाव में प्रचार पर कुल 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और इसमें से 90 प्रतिशत पैसा काला धन है.
मोदी ने जवाब दिया कि 10,000 करोड़ रुपये बड़ी राशि है. सरकार के पास सभी एजेंसियां हैं. उन्हें पूछना चाहिए कि यह किसका पैसा है. यह कहां से आया और यह कहां खर्च किया गया. उन्होंने कहा कि 30 दिन के अंदर जांच कराई जानी चाहिए ताकि देश के सामने सच पेश किया जाए. मोदी ने कहा कि अगर आरोपों का कोई आधार है तो शर्मा को चुनाव आयोग को लिखना चाहिए था ताकि आयोग भी यह पता लगाने के लिए जांच करा ले कि बीजेपी ने प्रचार पर कितना खर्च किया और इसमें कितना काला धन है.
कंघी नहीं राहुल जी चाय जरूर बेची है
इंटरव्यू में गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सरकार द्वारा जांच का आदेश देने में आदर्श आचार संहिता संबंधी किसी तरह की अड़चन है तो मैं खुद चुनाव आयोग को लिखूंगा और कहूंगा कि अगर सरकार इस मामले में जांच कराना चाहती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी. किसानों की जमीन सस्ती दरों पर बड़े औद्योगिक घरानों को देने के राहुल गांधी के आरोपों पर मोदी ने कहा कि यह झूठ है और राजनीतिक विचार से प्रेरित है. उन्होंने टाटा की नैनो कार परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि एक इंच भी जमीन मुफ्त नहीं दी गई. राहुल गांधी की टिप्पणी मोदी गंजे को भी कंघी बेच सकते हैं पर मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी कंघी नहीं बेची लेकिन चाय जरूर बेची है.
हर हाथ लूट, हर होंठ झूठ
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान कांग्रेस के भीतर फैले इस डर को दिखाता है कि मोदी ऐसा भी कर सकते हैं. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि उनका नारा होना चाहिए हर हाथ लूट, हर होंठ झूठ. कुछ साल पहले एक मुस्लिम मौलवी की ओर से सिर पर टोपी पहनने के आग्रह को स्वीकार नहीं करने को लेकर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा, अगर टोपी पहनना एकता की निशानी के तौर पर देखा जाता है तो मैंने कभी महात्मा गांधी, सरदार पटेल या पंडित जवाहरलाल नेहरू को इस तरह की टोपी पहने हुए नहीं देखा. उन्होंने कहा कि दरअसल भारतीय राजनीति में एक विकृति आई है कि तुष्टीकरण के लिए कुछ भी करो.
कुरान के साथ कंप्यूटर भी हो
बीजेपी नेता ने कहा, मेरा काम है सब संप्रदायों का सम्मान करना, सबकी परंपराओं का सम्मान करना. पर मेरी जो परंपरा है उसको भी स्वीकार करना. मैं मेरी परंपराओं को लेकर जीता हूं, सभी की परंपराओं का सम्मान करता हूं. इसलिए मैं यह टोपी पहनकर फोटो निकालकर लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम नहीं कर सकता. लेकिन कोई अगर किसी की टोपी उछालता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा हो, इसका मैं मन से ऐसा विचार रखता हूं. मुस्लिमों के उत्थान की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि टोपी पहनने वालों के हाथ में कुरान के साथ उनके पास कंप्यूटर भी होने चाहिए.
चींटी भी मर जाए तो दुख होता है
गुजरात में 2002 में हुए दंगों में मुस्लिम समुदाय के लोगों के मारे जाने के संदर्भ में मोदी ने कुछ दिन पहले टिप्पणी की थी कि अगर गाड़ी के नीचे कुत्ते का बच्चा भी आ जाए तो दुख होता है. इस टिप्पणी पर उठे विवाद पर भी प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने किसी को कुत्ते का बच्चा नहीं कहा था बल्कि केवल अपनी संवेदना को व्यक्त करने के लिए यह बात कही थी. अपने इस तर्क को और पुख्ता तरीके से रखते हुए उन्होंने कहा कि एक कहावत है कि एक चींटी भी मर जाए तो दुख होता है. अब अगर कोई कहे कि मैं इंसान को चींटी कह रहा हूं तो यह उनकी समस्या है.
कुत्ते की वफादारी का दिया उदाहरण
समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने हाल ही में मोदी के बयान की ओर इशारा करते हुए कहा था कि कुत्ते के पिल्ले के बड़े भाई हमें तुम्हारी हमदर्दी नहीं चाहिए. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने अपने अंदाज में कहा, कुत्ते की वफादारी का लोग उदाहरण देते हैं. अगर मेरी वफादारी देश के काम आए तो अच्छा है. उन्होंने देश को तोड़ने की राजनीति करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि देश को उन लोगों से नुकसान होता है जो जाति और तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं.
गुजरात में झूठ काम नहीं आता
बीजेपी का गुब्बारा फूट जाने की राहुल गांधी की चुटकी पर मोदी ने कहा कि कांग्रेस गुजरात में तीन विधानसभा चुनावों से ऐसा ही प्रचार कर रही है, लेकिन क्या हुआ? गुजरात के विकास का प्रचार झूठा होने के आरोपों पर मोदी ने कहा कि अगर गुजरात के बारे में उनके दावे झूठे होते तो बीजेपी उस राज्य में लगातार कैसे जीतती. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुझ पर झूठ बोलने, मार्केटिंग के जरिये हवा बनाने का आरोप लगाते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि गुजरात के बारे में उनका झूठ कुछ वक्त तक पश्िचम बंगाल, उत्तर प्रदेश या राजस्थान में चल सकता है लेकिन गुजरात की जनता के सामने नहीं चल सकता. मोदी के मुताबिक गुजरात में चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाता है और अगर राजनीतिक दलों में साहस है तो वो विकास की बात करें.